10 जून, 2012
सुर्खियों में 'राधे मां' का जलवा, क्या है सच्चाई
'श्री राधे मां'...इन दिनों सोशल मीडिया में सुर्खियों बटोर रहीं हैं। निर्मल बाबा उर्फ निर्मल जीत सिंह नरूला का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि राधे मां की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। सोशल मीडिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहीं 'राधे माँ' को उनके अनुयायी मां दुर्गा का अवतार मानते हैं।
भारी मेकअप और महंगे साड़ी-गहनों से लदी-खदी तथाकथित राधे मां नामक इस महिला के दर्शन और आशीर्वाद के लिए लोग अच्छी-खासी कीमत चुका रहे हैं। फेसबुक पर 'परम श्रधेय श्री राधे माँ' नाम से बने इनके अकाउंट को लगभग तेरह हजार लोग लाइक कर चुके हैं। इसी तरह सोशल नेटवर्क साइट ट्विटर भी बड़ी संख्या में इनके फॉलोवर मौजूद हैं। मुंबई में इनके अनुयायियों में कई बड़े फिल्म और टीवी कलाकार शामिल हैं।
जानिए, कौन हैं राधे मां
राधे मां की एक वेवसाइट से मिली जानकारी के अनुसार इनका जन्म पंजाब के होशियारपुर जिले के एक सिख परिवार में हुआ था। इनकी शादी एक समृद्ध और मुकेरिया निवासी किसान व्यापारी सरदार मोहन सिंह से हुई है। शादी के कुछ दिन बाद इनकी मुलाकात वहीं शिव मंदिर के महंत रामदीन दास से हुई।
महंत रामदीन दास ने राधे मां की धार्मिक प्रतिभा को पहचानते हुए कुछ शिक्षा दी। महंत रामदीन के प्रभाव में आने के बाद ये राधे मां बन गईं और इनकी ख्याति बढ़ने लगी। लोग उन्हें सत्संग, जागरण, पूजा और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के लिए बुलाने लगे। राधे मां के आशीर्वाद से लोगों के व्यक्तिगत, व्यापारिक और पारिवारिक समस्याओं का समाधान होने लगा। आज राधे मां का जलवा देश के अलावा विदेशों में फैला हुआ है।
राधे मां के साथ एक और नाम जुड़ा है, वह है मुंबई के एक उद्यमी संजीव गुप्ता का। मुंबई में एक जागरण के दौरान श्री राधे मां की मुलाकात संजीव गुप्ता से हुई थी। संजीव गुप्ता की कंपनी ग्लोबल मीडिया विज्ञापन के कारोबार से जुड़ी है। बताते हैं कि इस मुलाकात के बाद से ही श्री राधे मां की ख्याति अचानक तेजी से बढ़ने लगी। मुंबई में बोरीवली पश्चिम में रेलवे स्टेशन से 10 मिनट की दूरी पर स्थित ‘राधे देवी माँ’ भवन है, जिसे संजीव गुप्ता ने बनवाया है। इसके ग्राउंड फ्लोर पर एक बड़ा सा हॉल है, जिसे ‘माता की चौकी’ कहा जाता है। राधे मां यहीं भक्तों को अपने दर्शन देती हैं।
ऐसा है राधे मां का जलवा
अपने साथ मेकअप आर्टिस्टों को लेकर चलती राधे मां दुल्हन की तरह सज संवर कर आती हैं और पूरे समय तक झूमती रहती हैं। उनके मंच के चारों ओर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी झूमते रहते हैं। इस दौरान राधे मां लोगों को अपनी नजरों से अपने वश में करती नजर आती हैं। किसी भक्त पर मां जब बहुत खुश हो जाती हैं तो वो झूमते-झूमते उसकी गोद में कूद जाती हैं। बताते है कि जिस भक्त की गोद में वो छलांग लगाती हैं वो बहुत भाग्यशाली होता है और उसकी सभी मन्नतें तत्काल पूरी हो जाती हैं। इस समय राधे मां के सबसे ज्यादा भक्त मुंबई से है। मुंबई में इन दिनों राधे मां के लिए बड़े-बड़े आयोजन किए जा रहे है। भारी संख्या में बैनर और पोस्टर्स के माध्यम से इनका प्रचार किया जाता है। इसमें लाखों लोग शरीक होते हैं, जिसमें सबसे अधिक संख्या युवाओं की होती है। बताते है कि युवा वर्ग इनकी एक झलक पाने को बेताब रहता है। राधे मां पर भी निर्मल बाबा की तरह उंगली उठाई जा रही है। समाज में धीरे-धीरे विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं।
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