26 जून, 2012

सरबजीत की फांसी माफ, भारत लौटने का रास्ता साफ

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की फांसी को उम्रकैद में बदल दिया गया है। चूंकि सरबजीत सिंह पहले ही उम्रकैद के लिए निर्धारित सजा काट चुके हैं इसलिए उनकी रिहाई और भारत वापस लौटने की राह साफ हो गई है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए सरबजीत की जान बख्शकर उनकी रिहाई के आदेश दिए। सरबजीत वर्ष 1990 से लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद हैं। उनपर लाहौर और फैसलाबाद में चार बम धमाकों में शामिल होने का आरोप है।
हाल ही में इस्लामाबाद में भारत-पाक के गृह सचिवों की बैठक में भारत के गृह सचिव ने सरबजीत की रिहाई का मसला उठाया था। सरबजीत को 2004 में फांसी की सजा सुनाई गई थी तभी से उनकी फांसी माफ कराने और पाक जेल से उनकी रिहाई के लिए भारत में उनका परिवार मुहिम चला रहा है। सरबजीत की बहन ने इस मुद्दे पर पाक के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और वर्तमान राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के समक्ष भी ये मुद्दा उठाया था।
भारत-पाक के बीच सुधरते रिश्तों की कड़ी में पाक राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का ये अहम कदम माना जा रहा है। सरबजीत की रिहाई की खबर मिलने से चंडीगढ़ में उनके घर में जश्न का माहौल है। उनकी पत्नी, बहन और बेटियों को काफी संघर्ष के बाद आखिरकार जीत मिली है।

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