27 जून, 2012

प्रधानमंत्री ने संभाला वित्त मंत्रालय का जिम्मा

वित्तमंत्रालय में कल से नया बड़ा बदलाव हुआ है। प्रणव मुखर्जी के इस्तीफे के बाद अब खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वित्त मंत्रालय का कामकाज भी देखेंगे। ये बेहद अहम मोड़ है इकोनॉमी के लिए क्योंकि प्रणव मुखर्जी ने इकोनॉमी का हाथ ऐसे मोड़ पर छोड़ा है जहां से आगे का रास्ता बेहद मुश्किल है। कई बड़े फैसले लटके हुए हैं। वो सारी चुनौतियां जिनसे प्रणव मुखर्जी नहीं लड़ पाए, अब उनसे प्रधानमंत्री को निपटना होगा।
फर्स्टपोस्ट डॉट कॉम के आर जगन्नाथन मानते हैं कि वित्तमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठा है इस बात से तब तक कोई फर्क नहीं पड़ता, जब तक सोनिया गांधी खुद फैसले लेने की शुरूआत नहीं करतीं। वो मानते हैं कि किसी भी तरह के इकोनॉमिक फैसले लेने के लिए सरकार को सबसे पहले पॉलिटिकल मसलों पर फैसले लेने होंगे।
प्रणव मुखर्जी के वित्तमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद, सरकार को इकोनॉमी को वापस पटरी पर लाने के लिए किस बात पर सबसे ज्यादा फोकस करना चाहिए, इस मुद्दे पर आदित्य बिड़ला ग्रुप के अजीत रानाडे मानते हैं कि सरकार को जो करना है उसकी लिस्ट बहुत लंबी नहीं। बस 2-4 अहम काम कर के सरकार ग्रोथ के इंजन फिर से चालू कर सकती है जिसमें बिजली, कोयला, महंगाई और एफडीआई अहम हैं।

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