27 जून, 2012

अगले महीने से ट्रेन में एसी का सफर हो सकता है महंगा

रेलवे के एसी के सभी क्लास और फर्स्ट क्लास के किराए में 1 जुलाई से 3.6 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। इस बात के बहुत कम संकेत हैं कि फाइनैंस मिनिस्ट्री इस महीने के बाद रेलवे के लिए सर्विस टैक्स छूट को आगे बढ़ाएगी।मिनिस्ट्री के उच्चपदस्थ सूत्रों ने माना कि किरायों में बढ़ोतरी तय लगती है, क्योंकि खराब वित्तीय सेहत को देखते हुए रेलवे 5,500-6,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बोझ को खुद नहीं उठाएगा। सूत्रों ने बताया कि रेल मंत्री मुकुल रॉय ने सर्विस टैक्स से रेलवे को छूट देने के लिए पिछले हफ्ते वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को लिखा था, लेकिन अब तक उनकी गुजारिश पर ध्यान नहीं दिया गया है।समझा जाता है कि रेलवे बोर्ड ने किरायों में बढ़ोतरी के तौर-तरीके तय कर लिए हैं। हालांकि, बोर्ड ने मंगलवार को फाइनैंस मिनिस्ट्री से उसकी मांग पर फिर से विचार करने की गुजारिश की। किराए में बढ़ोतरी से एसी के सभी क्लासों के यात्रियों पर बोझ बढ़ जाएगा। इस साल के रेल बजट में एसी-1 और एसी-2 के किरायों में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। वर्ष 2009-10 के आम बजट में यात्री ट्रैवल और फ्रेट पर सर्विस टैक्स लगाने का प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी के विरोध के चलते इस प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया था। तब से क्वार्टर्ली आधार पर सर्विस टैक्स से छूट की अवधि बढ़ाई जा रही है। लेकिन, इस बार फाइनैंस मिनिस्ट्री ने फ्रेट चार्ज और रेल एसी किराए को सर्विस टैक्स की निगेटिव लिस्ट से बाहर रखने का फैसला किया है। फ्रेट और पैसेंजर किराए पर 70 फीसदी सब्सिडी मिलती है, जिससे फ्रेट चार्ज और फर्स्ट क्लास और एसी-1, एसी-2 और एसी-3 किराए पर बढ़ोतरी का बोझ 3.6 फीसदी होगा।

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