सीएम अर्जुन मुंडा का हेलीकाप्टर खरसावां जिले के कुचायी में नहीं उतर पाया। वहां पायलट ने हेलीपैड को मानक के अनुरूप नहीं समझा। पायलट को लगा कि यहां हेलीकाप्टर उतारने से हादसा हो सकता है और प्राथमिक चिकित्सा नहीं मिल पाएगी। इस कारण पायलट ने हेलीकाप्टर को वापस रांची की ओर मोड़ लिया।
रांची एयरपोर्ट के निकट आकर पायलट को लग गया कि हेलीकाप्टर में तकनीकी खराबी आ चुकी है और वह अब एमरजैंसी लैंडिंग भी नहीं करा पायेंगे। इसके बाद जब यह तय हो गया था कि अब हेलीकाप्टर को गिरना ही गिरना है, कोई दूसरा विकल्प नहीं है तब पायलट ने रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे का चार-पांच चक्कर लगाया। पायलट ने सूझबुझ कर सारे निर्णय लेते हुए हवा में चक्कर लगाकर पूरे तेल को लगभग खत्म कर दिया ताकि आग न लग सके।
इस बीच जब भी वह हेलीकाप्टर को नीचे करने की कोशिश करे तो हेलीकाप्टर बेंड हो जा रहा था। इस बीच सीएम का पूरा कारकेड एयरपोर्ट पहुंच चुका था। वहां सारी व्यवस्था कर ली गयी थी। फायर ब्रिगेड से लेकर एम्बुलेंस तैयार था। इसी बीच बड़ी तेज आवाज़ के साथ सीएम का हेलीकाप्टर नीचे गिर गया।
मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, उनकी पत्नी मीरा मुंडा, मुख्यमंत्री के सुरक्षा अधिकारी मनोज कुमार सिंह, विधायक बड़कुंवर गागराई व पायलट सभी जख्मी हो गए। हेलीकाप्टर एयरपोर्ट पर पूरी तरह से पलट गया।
हेलीकाप्टर जब नीचे गिरा तब वह 20 से 25 फीट की उंचाई पर था। इतनी उंचाई से गिरने पर चोटें लगनी लाजिमी है। सभी को अंदरूनी चोटें आयीं हैं। पायलट अनुभवी था और उसने पूरी कोशिश से हेलीकाप्टर को एयरपोर्ट परिसर में खाली जगह में ही गिराया।
आधी मुंडा सरकार अपोलो में
मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के अपोलो पहुंचने की खबर फैलते ही आधी सरकार वहां पहुंची हुई है। कई मंत्री, नेता, सीएस, डीजीपी समेत कई अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं।