08 नवंबर, 2010

मनमोहन और ओबामा प्रेस कॉन्फ्रेंस

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच हैदराबाद हाउस में शिखर वार्ता हुई। इस वार्ता के पश्चात दोनों देश के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। प्रेस वार्ता के मुख्‍य बिंदु निम्नानुसार हैं-

मनमोहन ‍‍सिंह के मुख्य अंश
* उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्र के निर्यात पर प्रतिबंध उठाने और एनएसजी में शामिल करने का आग्रह
* भारत और अमेरिका ने संबंधों को और मजबूत बनाने का फैसला किया
* अंतरिक्ष, असैन्य परमाणु सुरक्षा और अन्य क्षेत्रों में हमने अमेरिका के साथ सहयोग का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है।
* स्वच्छ ऊर्जा, स्वास्थ्य और ऊर्जा के अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएँगे
* अमेरिका और भारत ने परस्पर संबंध और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई
* विश्व शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए भारत और अमेरिका मिलकर कार्य करेंगे
* भारत और अमेरिका आतंरिक सुरक्षा को लेकर नए सिरे से वार्ता शुरू करेंगे
* भारतीय निवेश से अमेरिकी अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने में मदद मिली
* हमने अफ्रीका और अफगानिस्तान में संयुक्त पहल करने तथा विभिन्न क्षेत्रों में सामरिक वार्ता को व्यापक बनाने का फैसला किया है
* पाकिस्तान सीमा पार के आतंकवाद पर अंकुश लगा दे तो उसके साथ हम सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने को तैयार
* हम पाकिस्तान के साथ वार्ता से घबराते नहीं लेकिन ऐसा नहीं हो सकता कि आप बातचीत भी कर रहे हैं और साथ ही साथ पहले की तरह आतंकी नेटवर्क भी सक्रिय है
* भारत को गरीबी और लाखों लोगों को प्रभावित करने वाले रोगों जैसी समस्याओं से निपटने के लिए मजबूत और तेज आर्थिक विकास दर हासिल करने की आवश्यकता
* तेज विकास के लिए भारत को अगले पाँच साल में बुनियादी ढाँचा क्षेत्र में एक खरब डॉलर की आवश्यकता। हम अमेरिकी निवेश का स्वागत करेंगे
* भारत ऑउटसोर्सिंग के जरिए अमेरिकी नौकरियाँ नहीं चुरा रहा है

मनमोहन ने ओबामा को ‘करिश्माई’ नेता बताते हुए कहा कि दुनिया के सभी देशों और उनकी जनता की शांति, सुरक्षा और कल्याण के लिए ओबामा का अपना एक महत्वपूर्ण नजरिया है।

बराक ओबामा के मुख्य अंश

* आतंकवाद और दुनिया को परमाणु हथियार से मुक्त बनाने जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंध आवश्यक
* भारत को सी-17 कार्गो विमान आपूर्ति संबंधी समझौते का हम स्वागत करते हैं
*बई में हस्ताक्षरित व्यापार समझौते भारत को अमेरिका का महत्वपूर्ण कारोबारी साझेदार बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
* हमने प्रमुख व्यापार बाधाओं और संरक्षण को कम करने पर सहमति जताई
* प्रौद्योगिकी दोहन के लिए दो महत्वपूर्ण पहल हरित क्रान्ति और खाद्य सुरक्षा से संबद्ध
* हम संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं सहित विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर सलाह मशविरा करने को तैयार
* हम भारतीय उप महाद्वीप के सभी देशों की जरूरत को देखते हुए यह सुनिश्चित करने के कदम उठाने पर सहमत हुए हैं कि आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह न हो
* भारत-पाक मामले में हम अपने को थोपेंगे नहीं, लेकिन यदि दोनों देश हमारी कोई उचित भूमिका चाहेंगे, तो हम उसके लिए तैयार हैं
* भारत और पाकिस्तान के बीच किसी मुद्दे विशेष (कश्मीर) पर वार्ता शायद नहीं शुरू हो सके
* मेरा मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होना दोनों के हित में है और समस्याओं का समाधान अमेरिका थोप नहीं सकता
* इस यात्रा के दौरान हमने ऑउटसोर्सिंग पर बातचीत नहीं की, अमेरिकी प्रौद्योगिकियाँ भारत में नौकरियाँ सृजित करने में मदद के लिए
* 50 हजार नौकरियों के सृजन को इतना उजागर करने की एक वजह यह भी है कि जब अमेरिकी जनता मुझसे पूछेगी कि इतना समय भारत में क्यों बिताया तो मैं उन्हें बता सकूँ

ओबामा ने उम्मीद जताई कि आने वाले महीनों और वर्षों में भारत और पाकिस्तान काफी कठिन मुद्दों को सुलझाने के लिए उचित तंत्र खोजने में कामयाब होंगे।

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