06 नवंबर, 2010

आतंक के खिलाफ भारत के साथ

मुंबई [जासं]। मुंबई के होटल ताजमहल के प्रांगण में खड़े होकर अमरीकी राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा ने बेहिचक कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत के साथ एकजुटता का संदेश देने के लिए ही उन्होंने अपनी भारत यात्रा ताज से शुरू की है। उन्होंने कहा कि वह जलते ताज को नहीं भूल सकते। गौरतलब है कि इसी होटल में दो साल पहले पाकिस्तानी आतंकियों ने हमला किया था और खूनी खेल खेला था। हालांकि अपने 10 मिनट के संदेश में ओबामा ने पाकिस्तान का नाम कहीं नहीं लिया।

शनिवार दोपहर मुंबई की धरती पर कदम रखने के बाद बराक ओबामा मरीन वन हेलीकॉप्टर से भारतीय नौसेना के हेलीबेस आईएनएस शिक्रा पहुंचे। फिर करीब एक किलोमीटर की दूरी सड़क मार्ग से तय कर गेटवे ऑफ इंडिया के ठीक सामने स्थित होटल ताजमहल पहुंचे। वहां उन्होंने आतंकी हमले में मारे गए लोगों की याद में बने एक स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उसके बाद उनके परिजनों तथा हमले के प्रत्यक्षदर्शी रहे कुछ लोगों से मुलाकात की। वहां उन्होंने एक अस्थायी मंच से चुनिंदा लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, 'होटल ताजमहल से मेरी भारत यात्रा की शुरुआत को लेकर पूछा जा रहा है कि क्या मैं ऐसा करके कोई संदेश देना चाहता हूं? मैं कहना चाहता हूं- हां, निश्चित तौर पर।'

ओबामा ने आगे कहा कि मुंबई 21वीं सदी में भारत की शक्ति का प्रतीक है। इसी प्रकार दो साल पहले आतंक के उन दिनों में होटल ताज भी भारत की ताकत एवं भारतीयों की सहनशीलता का प्रतीक बनकर उभरा। इसलिए यहां आकर हम यह संदेश देना चाहते हैं कि अमरीका एवं भारत अपने देश के लोगों को सुरक्षित और समृद्ध भविष्य मुहैया कराने के लिए एकजुट रहेंगे।

उन्होंने कहा कि 26/11 के हमले को भुलाया नहीं जा सकता। जलता हुआ ताज आज भी उनकी स्मृति में बना हुआ है। सारी दुनिया के साथ अमरीकियों ने भी भारत के इस दुख के देखा और समझा है। ओबामा ने कहा कि मुंबई पर हमला करने वालों का उद्देश्य यहां धार्मिक आधार पर टकराव पैदा करना था। लेकिन, मुंबई और भारत की जनता ने हमलावरों के इन मंसूबों को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सरकारें पहले से ही आतंकवाद के विरुद्ध मिलकर काम करती रही हैं। इस सहयोग को और मजबूत बनाने के लिए वह दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से चर्चा करेंगे।

गौरतलब है कि मुंबई प्रवास के दौरान ओबामा होटल ताज में ही ठहरेंगे। 26 नवंबर, 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले के दौरान चार पाकिस्तानी आतंकियों ने इस होटल में करीब 60 घंटों तक भारी तबाही मचाई थी। होटल की छठवीं मंजिल को उन्होंने आग लगा दी थी एवं गुंबदों को बम से उड़ाने की कोशिश की थी। हमले के दौरान ताज होटल में कुल 31 लोग मारे गए थे। इनमें होटल के 12 कर्मचारी एवं पांच अमरीकी नागरिक भी थे।

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