04 दिसंबर, 2009

एवरेस्ट पर हुई नेपाली कैबिनेट की बैठक

जलवायु परिवर्तन पर बातचीत के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक महत्वपूर्ण शिखर वार्ता से पहले नेपाली सरकार ने आज माउंट एवरेस्ट के आधार शिविर पर कैबिनेट की बैठक की और हिमालय में ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों की ओर ध्यान खींचा।प्रधानमंत्री माधवकुमार नेपाल और उनके 23 कैबिनेट सहयोगियों ने हिमालय क्षेत्र में 17200 फुट ऊँचाई पर बैठक के लिए हेलिकॉप्टर से काला पत्थर तक की यात्रा की।नेपाल ने अपनी कैबिनेट बैठक के जरिए औद्योगिक देशों का ध्यान इस ओर खींचा है कि उनकी गतिविधियाँ किस तरह ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार हैं, जिसके कारण हिमालय क्षेत्र में घातक प्रभाव देखे जा सकते हैं।हिमालयी ग्लेशियर कुछ दशकों में गायब हो सकते हैं, जिससे एशिया के बड़े हिस्से को सूखे का सामना करना पड़ सकता है, जहाँ लाखों लोग हिमालय से निकलने वाली नदियों पर निर्भर हैं।पर्यावरण मंत्री ठाकुर शर्मा ने बैठक से पहले कहा था कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं, जो एक गंभीर मुद्दा बन गया है और हम चाहते हैं कि इस पर विश्व का ध्यान खींचा जाए।बैठक में नेपाल के कोपेनहेगन जलवायु परिवर्तन शिखर वार्ता में प्रस्तुत किए जाने वाले एजेंडा का समर्थन किया है। अधिकारियों के अनुसार बैठक में गौरीशंकर आपिनापा क्षेत्र को नया संरक्षण क्षेत्र घोषित किया गया है।

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