महाराष्ट्र, हरियाणा, अरुणाचल में कांग्रेस
तमाम पूर्वानुमानों पर खरा उतरते हुए कांग्रेस ने तीन राज्यों महाराष्ट्र, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में बेहतर स्कोर किया है। कांग्रेस महाराष्ट्र में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने जा रही है, जबकि अरुणाचल प्रदेश में उसने ‘क्लीन स्वीप’ किया है। हरियाणा में पार्टी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है और वह सबसे बड़े दल के रुप में उभरी है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस अपने सहयोगी राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रही है। शाम साढ़े बजे तक मिली जानकारी के अनुसार यह कांग्रेस-राकांपा का गठजोड़ 288 सदस्यीय विधानसभा में 139 सीटे जीत चुका है। यहाँ पर कांग्रेस को 79 तथा राकांपा को 60 सीटे जीत चुका है। यही नहीं 5 सीटों पर यह गठजोड़ बढ़त बनाए हुए है।
पिछले चुनाव में 140 सीटें जीतने वाले इस गठजोड़ को इस बार और अधिक सीटें मिलने जा रही है। उसे अगली सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी, क्योंकि गठजोड़ को बागी नेताओं और निर्दलीयों का समर्थन भी हासिल होगा।
राज ठाकरे की मनसे ने इस बार शिवसेना-भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगा दी है और भगवा गठजोड़ केवल 86 सीटें मिली हैं, जबकि 4 सीटों पर यह गठबंधन आगे चल रहा है। 2004 के चुनाव में उसने 116 सीटें जीती थीं। शिवसेना ने अब तक 43 जीती और संयोग से भाजपा के हिस्से में भी 43 सीटें आई हैं।
हरियाणा के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए चौंकाने वाले नहीं रहे। लोकसभा चुनाव में दस में से नौ सीटें जीतकर जोरदार प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव निर्धारित समय से सात महीने पहले कराने का निर्णय किया था।
हरियाणा में 90 सीटों के लिए हुए चुनाव के सभी परिणाम प्राप्त हो चुके हैं। कांग्रेस ने 40 सीटें जीती हैं। उसे सरकार बनाने के लिए बागियों और निर्दलीयों का समर्थन लेना पड़ेगा। ओमप्रकाश चोटाला की अगुआई वाली भारतीय राष्ट्रीय लोकदल ने 31 सीटों पर अपना कब्जा जमाया है।
हरियाणा जनहित कांग्रेस ने 6 सीटें जीती हैं। भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में केवल 4 सीटें ही जीत पाई है। यहाँ पर निर्दलीय प्रत्याशी सात सीटों पर विजयी रहे हैं।
कांग्रेस 2005 के चुनाव में 67 सीटें जीती थीं और लोकसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित पार्टी विधानसभा चुनाव में भी जबर्दस्त प्रदर्शन दोहराने के विश्वास से भरी थी।
अरुणाचल में कांग्रेस को 41 सीटें : अरुणाचल के परिणाम कांग्रेस के लिए खासे उत्साहवर्धक रहे। यहाँ पर उसे भारी बहुमत हासिल हुआ है। कांग्रेस ने यहाँ 60 सदस्यीय विधानसभा में कुल 41 सीटों पर अपना परचम लहराया है। देर शाम तक केवल 2 परिणाम आने शेष हैं। इनमें से कांग्रेस 1 पर आगे है। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 34 सीटें जीती थीं।
अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रीय कांग्रेस पाटी (राकंपा) और तृणमूल कांग्रेस 5-5 सीटों को जीतने में सफल रही है। निर्दलीय प्रत्याशी भी 5 सीटें जीतने में सफल रहे हैं। यहाँ की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को केवल 2 सीटें दी हैं। इस तरह कांग्रेस अरुणाचल प्रदेश में ‘क्लीन स्वीप’ करते हुए सरकार बनाने का बहुमत जुटा चुकी है।
ध्यान दें
प्रकाशित समाचारों पर आप अपनी राय या टिपण्णी भी भेज सकते हैं , हर समाचार के नीचे टिपण्णी पर क्लिक कर के .
लोकप्रिय समाचार
-
वयोवृद्ध माकपा नेता ज्योति बसु की हालत आज भी अत्यंत गंभीर बनी हुई है। साल्टलेक स्थित एएमआरआई अस्पताल में 95 वर्षीय माकपा नेता के इलाज के लिए...
-
राजेश कानोडिया कहते हैं पक्षी राज गरुड़ का मनभावन क्षेत्र कोसी का किनारा होता है। तभी तो ये पक्षी प्रति वर्ष इस क्षेत्र में आकर विचरण करते ...
-
कांग्रेस प्रत्यासी सदानंद सिंह के अनुसार केन्द्र में मजबूत सरकार सिर्फ़ कांग्रेस ही दे सकती है। भाजपा मुद्दा विहीन है। जनता ने इस दफे अगर ...
-
सेवा निवृत शिक्षिका पंचा देवी(७५) के निधन पर श्राद्ध कर्म पश्चात बिहारी अतिथि सदन , नवगछिया में आयोजित सत्संग कार्यक्रम के दौरान संतमत सत्सं...
-
गंगापार में राजद की चुनाव में खस्ता हालत के बावजूद बिहपुर के राजद विधायक शैलेश कुमा र उर्फ बुलो मंडल का पार्टी छोड़ने का कोई इरादा नहीं है।...
-
बुनकरों के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराते देख नाबार्ड ने उनके लिए रात में भी वस्त्र का उत्पादन जारी रखने पहल की है। इसके तहत उन्हें बिना ख...
-
नवगछिया स्टेशन पर पूर्वमध्य रेल के महाप्रबंधक गिरीश भटनागर ने प्लेटफोर्म संख्या दो पर उपरिगामी पुल का उद्घाटन किया। मौके पर उपस्थित मारवाड...
-
हिन्दुस्तान की संस्कृति गंगा से जुड़ी है। गंगा मिट गई तो यह भी मिट जाएगी। राष्ट्रीय नदी की निर्मलता के लिए सब को संगठित होना होगा। भागलपुर जि...
-
प्रधानमंत्री की तनख्वाह उनके मीडिया सलाहकार से महज 30 हजार रुपए अधिक है। प्रधानमंत्री को हर माह मिलते हैं 1.60 लाख रुपए तो पंकज पचौरी (मीडिय...
-
कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर बिहार के भागलपुर, मधेपुरा, पूर्णिया, कोसी व सीमांचल के दियारा (डेल्टा) इलाकों में पुलिस-प्रशासन का नहीं गुंडा बैं...