अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार सुबह एक आत्मघाती हमलावर ने भारतीय दूतावास के बाहर विस्फोटकों से लदी अपनी कार को विस्फोट कर उड़ा दिया, जिससे 17 लोग मारे गए और 80 अन्य घायल हो गए जिनमें भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के तीन जवान शामिल है।
टीवी चैनल ‘अल जजीरा’ ने कहा कि तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है और हमलावर की पहचान खालिद के रूप में हुई है। 15 महीने के भीतर भारतीय दूतावास पर यह दूसरा हमला है। भारतीय दूतावास के कर्मचारी सुरक्षित हैं हालाँकि आईटीबीपी के कर्मियों को मामूली चोट लगी है।
विस्फोट में कड़ी सुरक्षा वाले दूतावास की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई और उसका निगरानी टावर भी नष्ट हो गया। भारतीय समयानुसार सुबह 9 बजकर 27 मिनट पर विस्फोट बाहरी परिधि के करीब हुआ।
गृह मंत्रालय ने कहा कि भारतीय दूतावास के करीब आत्मघाती कार बम हमलावर ने विस्फोट किया जिसमें 15 लोग मारे गए और 76 घायल हुए। घायलों में अधिकतर नागरिक हैं।
भारतीय राजदूत जयंत प्रसाद ने कहा कि भारतीय दूतावास को निशाना बनाया गया लेकिन आत्मघाती हमलावर सुरक्षा घेरे को भेदने में विफल रहा ।
विदेश सचिव निरपमा राव ने कहा कि दूतावास को निशाना बनाकर हमला किया गया क्योंकि आत्मघाती हमलावर विस्फोटकों से लदी अपनी कार के साथ भारतीय दूतावास की बाहरी दीवार के करीब तक आ गया था और साफ है कि उसका लक्ष्य दूतावास ही था।
हमले के तुरंत बाद भारतीय दूतावास और कर्मियों की सुरक्षा की समीक्षा अफगानिस्तान के गृह मामलों के मंत्रालय की बैठक में की गई, जिसमें भारतीय दूतावास और अफगान विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी उपस्थित थे।
दूसरा आत्मघाती हमला : भारतीय दूतावास पर यह दूसरा आत्मघाती हमला है। पिछले वर्ष एक आत्मघाती कार हमलावर ने अपनी विस्फोटक से भरी कार भारतीय दूतावास की बाहरी दीवार से टकरा दी थी, जिससे 60 लोग मारे गए थे। इस हमले के लिए तालिबान उग्रवादियों को जिम्मेदार ठहराया गया था, जिनका संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से है।
विस्फोट दूतावास को अफगानिस्तान गृह मंत्रालय तथा अन्य प्रमुख सरकारी इमारतों से अलग करने वाली प्रमुख सड़क शहर ए नाउ पर हुआ। इसमें संयुक्त राष्ट्र का प्रतीक लगे एक वाहन समेत दो एसयूवी वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
यह विस्फोट ऐसे समय हुआ, जब लोग कार्यालयों में आ रहे थे। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने विश्व इकाई के दो वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि की है, जो विस्फोट स्थल के समीप खड़े हुए थे। इनमें से एक वाहन का चालक सुरक्षित बच गया। विस्फोट के चलते एक किलोमीटर दूर तक इमारतें दहल गईं।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष के आत्मघाती हमले के बाद भारतीय दूतावास ने अपनी सुरक्षा चारदीवारी की ऊँचाई बढ़ाई थी और उस पर कई निगरानी टॉवर बनाए थे। दूतावास इमारत का मुख्य प्रवेश द्वार अवरोधकों से घिरा रहता है और यहाँ प्रवेश प्रतिबंधित है। विस्फोट के बाद पूरे इलाके को सील कर दिया गया और दूतावास के कर्मचारियों की गिनती की गई।
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