उनके परिवारिक सूत्रों ने बताया कि राव के सीने में दर्द की शिकायत हुई और तुरंत बाद उनकी मौत हो गई।
उनके परिवार में तीन बेटे, गुडगांव के सांसद तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, कोसली से विधायक राव युदवेंद्र सिंह और राव अजीत सिंह तथा एक पुत्री है।
हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया तथा मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने सिंह के निधन पर गहरा शोक जताया है।
पहाड़िया ने अपने शोक संदेश में राव को सच्चा परोपकारी बताते हुए कहा कि वह शालीन राजनीतिज्ञ तथा भद्र पुरुष थे।
हुड्डा ने कहा कि वह एक दूरदर्शी एवं परिपक्व नेता थे जिन्होंने हमेशा लोकतांत्रिक परंपरा का सम्मान किया।
राव बीरेंद्र सिंह 24 मार्च से दो नवंबर 1967 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वह राज्य के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने विशाल हरियाणा पार्टी नाम से एक क्षेत्रीय दल का गठन किया जिसका 1978 में कांग्रेस में विलय हो गया।
हरियाणा में रेवाड़ी जिले के नांगल में जन्मे सिंह ने दिल्ली के सेंट स्टीफन कालेज से उच्च शिक्षा ग्रहण की। 1956 से 1961 तक पंजाब सरकार में मंत्री रहे सिंह ने हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष तथा केंद्रीय कृषि मंत्री सहित कई जिम्मेदारियां निभाई।
वह तीन बार लोकसभा के लिए चुने गए। इसके अलावा वह कई बार पंजाब विधान परिषद तथा हरियाणा विधान सभा के सदस्य रहे।