30 सितंबर, 2009

सार्वजनिक स्थलों पर कोई नया पूजास्थल नहीं बनेगा

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को निर्देश दिया कि देशभर में सार्वजनिक स्थानों पर नये पूजास्थलों का निर्माण नहीं किया जाएगा. न्यायालय ने प्रदेश सरकारों को पहले से मौजूद ऐसे पूजा स्थलों के संबंध में मामला दर मामला आधार पर फैसला करने की अनुमति दी है, जिन्होंने सड़कों पर अतिक्रमण किया हुआ है.

अंतरिम आदेश तब तक जारी रहेगा, जब तक मुद्दे पर अंतिम निर्णय पूजा के सभी स्थानों जैसे मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारों पर लागू नहीं हो जाता. न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और मुकुंदकम शर्मा की पीठ ने एक अंतरिम आदेश में कहा ‘‘मामले की गंभीरता को देखते हुए और मुद्दे पर एक निष्कर्ष पर पहुंचते हुए हमने फैसला किया है कि सभी प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों को मामले में शामिल किया जाएगा.’’ सर्वोच्च न्यायालय ने मामले पर सभी प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रतिक्रिया मांगी है.

हालांकि खंडपीठ ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अतिक्रमण कर रहे पहले से मौजूद पूजा स्थलों पर ‘मामला दर मामला’ आधार पर फैसला करना है कि उन्हें हटाया जाना है या उनके संबंध में किसी और विकल्प पर विचार करना है. न्यायालय के इस आदेश से लोगों को कुछ आराम मिलने की संभावना है क्योंकि देश के सभी मुख्य स्थानों पर सड़कों पर बने पूजा स्थलों से यातायात प्रभावित होना एक आम समस्या है.

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