20 जुलाई, 2009

रिजल्ट के आधार पर अनुदान मामले में राज्य सरकार तलब

पटना उच्च न्यायालय ने परिणाम के आधार पर वित्त रहित विद्यालयो एवं महाविद्यालयों को अनुदान देने के मामले में राज्य सरकार ,बिहार विद्यालय परीक्षा समिति एवं मगध विश्वविद्यालय को एक महीने में सफाई पेश करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार की ऐसी नीतियों से गलत संदेश जाता है।

नवादा के शंभूशरण सिंह ने हाई कोर्ट को पत्र लिखकर जानकारी दी थी कि राज्य सरकार की इस तरह की नीति से बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है। नवादा में स्थित ऐसे स्कूलों के संचालक छात्रों को गलत तरीके से अच्छा परिणाम दिलवाने की ठेकेदारी कर रहे है। श्री सिंह ने कोर्ट को जानकारी देते कहा है कि यहां के स्कूलों से न केवल बाहरी जिलों के छात्रों को परीक्षा में शामिल कराया जा रहा है बल्कि बाहरी राज्यों से भी लड़के लाये जा रहे हैं। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने ऐसे विद्यालयों एवं महाविद्यालयों को वित्त सहित करने के लिए फार्मूला जारी कर दिया है अर्थात जिस शिक्षण संस्थान से जितने छात्र उत्तीर्ण होंगे उसी के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा। इसमें भी प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के छात्रों के लिए अलग अलग मानदंड निर्धारित किये गये हैं। राज्य सरकार की इस घोषणा के बाद शिक्षा माफिया की चांदी हो गयी है। न्यायालय ने भी राज्य सरकार को सावधान करते हुए माफिया तत्वों से सावधान करने की हिदायत दी।

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