25 अप्रैल, 2009

बूथ पर मोबाइल बजी तो खतरे की घंटी

मतदान करने जा रहे हैं जरा संभल के। अपनी जेब टटोल लीजिए। अगर मोबाइल है तो उसे घर में ही रख दीजिए , क्योंकि अगर बूथ पर मोबाइल बजी तो यह आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है। निर्वाचन आयोग का फरमान तो कुछ ऐसा ही है। आयोग ने अपने एक हाल के निर्देश में मोबाइल के उपयोग पर दिशा निर्देश जारी किया है। अगर बात करना है तो बूथ के सौ मीटर के बाहर आकर आप बातचीत करें। यह आदेश सिर्फ वोटरों के लिए ही नहीं अधिकारियों के लिए भी है। उन्हें भी अगर बात करनी होगी तो उनके लिए सौ मीटर के दायरे के बाहर आकर बात करना होगा। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रभात कुमार गुप्ता के निर्देश का हवाला देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि इस बार बूथ पर वोट डालने के बाद वोटर वहां मंडरा नहीं पाएंगे। वोट डालकर सीधे घर का रास्ता पकड़ लीजिए अन्यथा पकड़े जाने पर कार्रवाई होगी। बूथ के बाहर वोटरों को पर्ची देने वालों के लिए भी दिशा निर्देश दिया गया है। बूथ के दो सौ मीटर की दूरी पर किसी भी प्रत्याशी का दो कुर्सी एक टेबल व गर्मी से बचने के लिए एक छाता रहेगा। इसके अलावा वहां मात्र दो ही व्यक्ति रहेंगे। पार्टी का निर्धारित लंबाई चौड़ाई का एक झंडा टांग सकते हैं। अनुपालन कराने में असमर्थ रहने वाले अधिकारियों पर जहां आयोग एक्शन लेगा वहीं नियमों का उल्लंघन हुआ तो प्रत्याशी, एजेंट, वर्कर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

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