01 जुलाई, 2012

असम में बाढ़ से 77 मरे, वायुसेना ने संभाली कमान

असम में आई बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 77 जानें जा चुकी हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संप्रग की अध्यक्ष सोनिया गांधी बाढ़-प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे। भारतीय वायु सेना ने बचाव कार्य की कमान संभाल ली है और बाढ़ग्रस्त इलाकों में गुरुवार से अब तक 4000 किलो खाने के पैकेट गिराए जा चुके हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि बाढ़ में अब तक कुल 61 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 16 लोग भूस्खलन में मारे गए हैं। छह लोग गायब बताए जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 27 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि तीन जिलों में भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। ब्रह्मापुत्र और कपिली नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी सोमवार को जोरहाट पहुंचेंगे और वहां से विशेष विमान से माजुली द्वीप का जायजा लेने जाएंगे। यह द्वीप बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है।
सरकार ने रिपोर्ट दी है कि राज्य के कुल 2166 गांवों के 19.37 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। नौ जिलों में बचाव कार्य शुरू हो गया है, बाकी जगह बचाव दल भेजे जा रहे हैं। काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क का बड़ा हिस्सा पानी में डूब चुका है। वायुसेना की तेजपुर यूनिट के 115 चीता और चेतक हेलीकाप्टरों को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों ने अपने परिवार और पालतू पशुओं के साथ ऊंचे स्थानों पर शरण ली है।

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