18 अगस्त, 2010

सीबीआई कोर्ट का आदेश लालू-जगन्नाथ हाजिर हों

चारा घोटाला के एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ0 जगन्नाथ मिश्र सहित 34 अभियुक्तों को अदालत में छह सितम्बर को सदेह उपस्थित रहने का आदेश दिया। चार वर्षो सेआदेश का पालन नहीं करने पर अदालत ने सीबीआई को भी फटकार लगायी। यह मामला 42 लाख रुपये के घोटाले का है जो बांका कोषागार से जुड़ा है। सीबीआई के विशेष जज विजय कुमार जैन ने कहा कि जब से यह मामला दूसरी अदालत से इस अदालत में स्थानांतरित होकर इस अदालत में आया है तब से आज तक आरोपी कभी भी अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। 33 आरोपियों की ओर से प्रत्येक तारीख पर वकालतन हाजिरी दी जा रही है। कोर्ट ने कहा कि विगत चार वर्षो से केस से संबंधित मूल दस्तावेजों को अदालत में जमा करने को कहा जा रहा है। बावजूद इसके सीबीआई ने अभी तक मूल दस्तावेज जमा नहीं किया है। यह सीबीआई का ढुलमुल रवैया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मूल दस्तावेज नहीं रहने के कारण आरोप विमुक्ति आवेदनों का निष्पादन नहीं हो पा रहा है, जबकि अनेक आवेदन विगत पांच वर्षो से निष्तारण के लिये लंबित है। वहीं सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक ने कोर्ट को बताया कि इस केस का मूल दस्तावेज रांची के एक अदालत में एक अन्य मामले में प्रदर्श है। विशेष लोक अभियोजक ने कोर्ट को आश्र्वासन दिया कि अगली तारीख पर दस्तावेज इस अदालत में दे दी जायेगी। इधर लालू प्रसाद के अधिवक्ता चितरंजन सिन्हा ने कहा मूल दस्तावेज की जरुरत है। उसके बगैर आरोप विमुक्ति आवेदन का निष्पादन संभव नहीं है। श्री सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि इसके पूर्व लालू प्रसाद के आवेदन पर दो बार अन्य अदालतों में बहस कर चुका हूं। श्री सिन्हा ने अदालत को जानकारी दी कि लालू प्रसाद लोकसभा सत्र की वजह से व्यस्त हैं। कोई खास बात नहीं हुयी तो अगली तिथि पर सदेह उपस्थित रहेंगे। विदित हो कि सीबीआई ने यह मुकदमा 1996 में ही दर्ज किया था। आरोप पत्र 2003 में उसने दायर की। मामले में आरके राणा, ध्रुव भगत, विद्यासागर निषाद व बेक जूलियस भी आरोपी हैं।

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