18 फ़रवरी, 2010

नीतीश कैबिनेट से जमशेद अशरफ बर्खास्त

बिहार सरकार के कामकाज पर अंगुली उठाने वाले बिहार के मद्य-निषेध मंत्री जमशेद अशरफ को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके आचरण को पद के अयोग्य करार देते हुए गुरूवार को उन्हें अपने मंत्रिमंडल से हटा दिया।

मुख्यमंत्री के विश्वस्त सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस संबंध में प्रदेश के राज्यपाल देवानंद कुंवर को पत्र भेज दिया गया है। उल्लेखनीय है कि गत 14 जनवरी को लिखे एक पत्र में अशरफ ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात अधिकारी उनकी नहीं चलने देते, ठेके में उनके आदेश का उल्लंघन होता है जिसके कारण सरकार को करीब 500 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अशरफ द्वारा जिन बिंदुओं को उठाया गया था उसकी प्रदेश के मुख्य सचिव अनुप मुखर्जी द्वारा उन्होंने जांच करवाई थी और जांच में पाया गया कि विभाग के सभी महत्वपूर्ण एवं नीतिगत निर्णय मंत्री के अनुमोदन से ही लिए जाते हैं।

पत्र के मुताबिक अशरफ ही मुख्यमंत्री के आदेश की अनदेखी करते हैं और कुछ ऐसे भी मामले हैं जिनमें मुख्यमंत्री की सहमति थी पर मंत्री की असहमति के कारण उन्हें लागू नहीं किया गया। होलोग्रामयुक्त सीलबंद बोतल में शराब बिक्री के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री की सहमति थी लेकिन मंत्री ने इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखने की अनुमति नहीं दी।

जद [यू] में आपसी खींचतान के बाद अब प्रदेश की नीतीश सरकार में शामिल एक मंत्री द्वारा ही अपनी सरकार के कामकाज पर अंगुली उठाए जाने से प्रदेश की विपक्षी पार्टी राजद और लोजपा को प्रदेश सरकार की आलोचना का एक और मौका मिल गया है और इन दलों ने इसको लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपने पद से इस्तीफा देने और इस मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि जब अशरफ ने उक्त आरोप लगाए थे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी प्रवास यात्रा पर पटना से बाहर थे और लौटने पर उन्होंने कहा था कि दो-तीन दिनों के भीतर इस बारे में सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा। इस मामले की लीपा-पोती को लेकर विपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि दुनिया में ऐसी टक्साल नहीं बनी जो उन्हें खरीद सके।

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