18 फ़रवरी, 2010

मेडिकल कॉलेजों में बढ़ेंगी 5000 सीटें

देश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने देशभर में 148 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में मौजूदा सीटों को बढ़ाने का निर्णय किया।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में यहाँ हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने राज्य सरकार के मेडिकल कालेजों में नए विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करने और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में मौजूदा सीटों को बढ़ाने के लिए 11वीं योजना अवधि के दौरान केन्द्रीय धन मुहैया कराकर राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेजों को सुदृढ़ बनाने के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एक प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना की मंजूरी से राज्य सरकार के 148 मेडिकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में पाँच हजार अतिरिक्त सीटों का इजाफा होगा। ये सीटें ऐनाटॉमी, माइक्रो बायलॉजी, फिजियोलॉजी, फार्माकोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री, फोरिंसिक मेडिसीन, कम्युनिटी मेडिसीन के अलावा गायनोकलॉजी, पेडियेट्रिक, एनेस्थियोलॉजी, जनरल मेडिसीन और जनरल सर्जरी जैसे कुछ क्लिनिकल विषयों में बढ़ेंगी।

राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेजों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करने और मेडिकल कॉलेजों में मौजूदा स्नातकोत्तर सीटों को बढ़ाने के लिए केन्द्र प्रायोजित एक नई योजना के तहत 1350 करोड़ रुपए का एक मुश्त अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।

इस योजना के तहत मुहैया कराई जाने वाली राशि में केन्द्र का हिस्सा 75 प्रतिशत होगा जबकि 25 प्रतिशत राशि राज्य सरकारों को लगानी होगी। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक दो किश्तों में यह धन राशि सीधे संबंधित संस्थान के प्रमुख को भेज दी जाएगी। अगर निर्धारित अवधि के दौरान स्नातकोत्तर की सीटें नहीं बढ़ी या स्नातकोत्तर के नए पाठ्यक्रम शुरू नहीं हुए तो राज्य सरकार को यह राशि लौटानी पड़ेगी।

किस मेडिकल कॉलेज को कितनी राशि उपलब्ध कराई जाएगी, इसका फैसला केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में गठित होने वाली अधिकार प्राप्त समिति करेगी। सरकार का मानना है कि इससे देश में मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत होगी।

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