18 दिसंबर, 2009

अंबानी गैस विवाद पर फैसला सुरक्षित

उच्चतम न्यायालय ने अंबानी बंधुओं के बीच गैस आपूर्ति और कीमत निर्धारण के संबंध में अपना फैसला शुक्रवार को सुरक्षित रखा जबकि सरकार ने कहा कि देश की प्राकृतिक गैस पर मालिकाना हक उसका है।

इस मामले की सुनवाई करने वाली मुख्य न्यायाधीश केजी बालकृष्णन, न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी और न्यायाधीश पी सदाशिवम की पीठ के समक्ष सोलिसीटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने आज कहा कि उत्पादन साझेदारी अनुबंध (पीएससी) के तहत प्राकृतिक गैस पर मालिकाना हक सरकार का है और स्वत: ही यह अनुबंध ठेकेदार के पास नहीं चला जाता। मामले की सुनवाई 20 अक्टूबर को शुरू हुई और यह 26 दिनों तक चली।

पहले छह दिन की सुनवाई के बाद न्यायाधीश आरवी रवीन्द्रन ने इस आधार पर खुद को इससे अलग कर लिया कि उनके पास आरआईएल और आरएनआरएल दोनों के शेयर हैं।

इससे पहले अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी आरएनआरएल ने कहा कि गैस का मालिकाना हक अनिवार्य रूप से ठेकेदार अर्थात मुकेश अंबानी समूह के पास है। इस पर सुब्रमण्यम ने कहा कि पीएससी यह स्पष्ट करता है कि सरकार गैस की एकमात्र मालिक है और मालिकाना हक ठेकेदार के पास तभी जाता है जब वह खरीदार को गैस की बिक्री करता है।

उन्होंने अपनी दलील में कहा कि सरकार के पास पीएससी है। कृपया इसका संरक्षण करें और इसके गलत विश्लेषण की अनुमति नहीं दें अन्यथा इससे भविष्य में कठिनाई होगी।

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