18 नवंबर, 2009

राज ठाकरे के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल

पिछले साल यहाँ रेलवे भर्ती परीक्षा देने आए उत्तर भारतीयों पर हमले और दंगा करने के मामले में पुलिस ने बुधवार को एक स्थानीय अदालत में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे और 20 अन्य लोगों के खिलाफ एक आरोपपत्र दाखिल किया तथा मनसे सदस्यों पर अपने अध्यक्ष के इशारे पर तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया।

यहाँ एक मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल 73 पन्नों के आरोपपत्र के अनुसार मनसे के जिन 20 कार्यकर्ताओं ने कॉलेज में घुसकर प्रश्नपत्र फाड़े वे राज ठाकरे के इशारे पर काम कर रहे थे। जब मजिस्ट्रेट ने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की अदालत में मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए उनका नाम लिया तो राज ने कठघरे के पास खड़े हुए कहा- ‘हाँ'। अन्य आरोपियों ने ‘जी’ कहकर उपस्थिति दर्ज कराई।

आरोपपत्र में पिछले साल 19 अक्टूबर को हुए घटनाक्रम का विवरण है, जिसमें उपनगर बांद्रा के चेतना कॉलेज में रेलवे भर्ती परीक्षा देने आए उत्तर भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। मनसे कार्यकर्ताओं ने रेलवे द्वारा अभ्यर्थियों की परीक्षा के लिए उत्तर भारत के अखबारों में विज्ञापन दिए जाने का विरोध किया था और इस दौरान हमला हुआ था।

आरोपपत्र की प्रति सभी आरोपियों को दे दी गई। आरोपपत्र में 32 गवाहों के बयान भी हैं। परीक्षा अधीक्षक और गवाह मंगला कदम ने अपने बयान में कहा कि 19 अक्टूबर को सुबह 10 बजे के आसपास मनसे समर्थकों का एक समूह नारे लगाते हुए परीक्षा हॉल में घुस आया और उन्होंने 15 प्रश्नपत्रों को फाड़ दिया तथा परीक्षा दे रहे अभ्यर्थियों को धमकी दी।

आरोपपत्र के मुताबिक भीड़ नारे लगा रही थी- ‘राज ठाकरे का आदेश मानना है, परीक्षा बंद कराना है,' क्योंकि सब लोग बिहार और यूपी के हैं। आरोपियों पर आईपीसी की धारा 142, 144, 145, 153 (ए), 153 (बी), 342 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मजिस्ट्रेट ने आरोपियों को आरोपपत्र की प्रति सौंपने के बाद मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 सितंबर 2010 की तारीख मुकर्रर की। राज को पिछले साल 21 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और उसी दिन बांद्रा की एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी।

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