05 अक्तूबर, 2009

रंग पकड़ने लगा है लाटरी का धंधा

जैसे-जैसे दिवाली और धनतेरस नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे लाटरी का धंधा रंग पकड़ने लग रहा है। बताते चलें कि धनतेरस और दिवाली में लाटरी खेलने, खरीदने की पुरानी परंपरा रही है। इसी परंपरा के तहत सभी तबके लोग सरकारी लाटरी, बम्पर लाटरी, मेगा लाटरी, महा लाटरी तथा धनकुबेर लाटरी को शुभ मुहूर्त मान कर खरीदते हैं। चूंकि इस समय हर कोई लाटरी का खरीददार होता है, फलस्वरूप बेचने वाले भी इसकी व्यवस्था में लग जाते हैं। चूंकि बिहार सरकार तो लाटरी निकालती नहीं है, फलस्वरूप विभिन्न राज्य सरकारों की लाटरी यहां के बाजारों में खरीददारों को उपलब्ध हो पाती है।

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