17 अक्तूबर, 2009

पटाखे चलाएं, लेकिन सावधानी से

हर साल दीवाली मनाने के बाद पटाखों से सैकड़ों लोगों के जलने, आंखों की रोशनी जाने या फिर कानों के पर्दे फटने की खबरें सुनने में आती हैं।

कई बार तो पटाखे जानलेवा तक साबित हुए हैं। दीवाली पर खूब छोड़ने की प्लानिंग तो आपने की ही होगी, लेकिन बेहतर होगा पटाखे आप जोश में होश बिल्कुल न खोएं। यानी कहीं आपका थोड़ी देर का मजा आपके लिए सजा न बन जाए। आप दीवाली बेशक मनाइए, लेकिन साथ ही कुछ एहतियात भी बरतें। ताकि बम-पटाखे जलाते वक्त आप किसी दुर्घटना के शिकार न हों।

अपना और अपने बच्चे का ख्याल रखकर आप दीवाली का दोगुना मजा उठा सकते हैं। यह सही है कि दीवाली के दिन हर कोई एंजॉय करना चाहता है और बिना पटाखों के यह मजा अधूरा है, लेकिन छोटे बच्चों को अपनी निगरानी में ही पटाखे जलाने दें। उन्हें ज्यादा धमाके व लाइटिंग वाले बम बिल्कुल न दें, क्योंकि इनसे जलने का डर रहता है। अगर आपके बच्चे की उम्र 7 साल से कम है, तो आप खुद उसका हाथ पकड़कर टॉर्च या फुलझड़ी जला सकते हैं। सीनियर कंसलटेंट, कॉस्मेटिक सर्जरी डॉ। अनूप धीर कहते हैं कि दीवाली पर जितनी भी दुर्घटनाएं होती हैं, उनमें 98 फीसदी महिलाओं व 18 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ होती हैं। सच तो यह है कि पटाखे चलाते वक्त और खाना बनाते वक्त जरा सा ध्यान रखकर फेस, हाथ व बाजू पर लगने वाली चोटों से बचा जा सकता है। वैसे भी दीवाली पर किसी भी तरह की दुर्घटना हो सकती है। ऐसे में आप फर्स्ट एड बॉक्स घर में जरूर तैयार रखें।

दरअसल, इस वक्त बाजार में नकली पटाखों की कमी नहीं है। ऐसे में आप अपने बच्चों को ऑथराइज्ड कंपनी के ही बम पटाखे दें।

देखा जाता है कि कई बम पर बहुत कम कागज लपेटा जाता है। ऐसे में जब आप उसे जलाते हैं, तो वह तुरंत जल जाता है। ऐसे में चोट लगने के चांस बहुत ज्यादा होते हैं। फिर वे पटाखे, जिन्हें आकाश की तरफ छोड़ा जाता है, उनसे घर में आग लगने का रिस्क ज्यादा होता है। बेहतर होगा आप ऐसे पटाखे खुले मैदान में छोड़े। इससे आप किसी बड़ी दुर्घटना के खतरे से बच सकेंगे।

हर साल दीवाली पर कई नए पटाखे बाजार में आते हैं और बच्चे भी इन्हें बड़े चाव से खरीदते हैं। जो पटाखे आपको जलाने नहीं आते, आप उन्हें खरीदिए ही मत या फिर पैकेट पर सारे इंस्ट्रक्शन अच्छे से पढ़ने के बाद ही उन्हें चलाएं। इसके अलावा, अपने पटाखों का एक अलग बॉक्स बना लें, पॉकेट में रखकर पटाखे न कतई न जलाएं।

यहां हम कुछ टिप्स दे रहे हैं, जिनके जरिए दीवाली पर आप थोड़ी से सावधानी बरतकर दुर्घटना होने से रोक सकते हैं।

पटाखे छोड़ने से पहले खुली जगह तलाश लें। आप घर या बाहर जहां भी पटाखे चला रहे हों, ध्यान रखें कि उसके आसपास आसानी से जलने वाली कोई चीज मसलन पेट्रोल, डीजल, केरोसिन या गैस सिलिंडर वगैरह न रखा हो।

पटाखे हमेशा अच्छे ब्रैंड के ही खरीदें। कुछ लोग घर पर अनार और अन्य पटाखे बनाकर मार्किट में बेचते हैं। ऐसे पटाखे अक्सर दुर्घटना का कारण बनते हैं।

वही पटाखे खरीदें, जो बच्चों की उम्र के अनुकूल हों। पटाखे छुड़ाते समय बच्चों के साथ रहें और उन्हें पटाखे चलाने का सुरक्षित तरीका बताएं। छोटे बच्चों को पटाखे न जलाने दें। पांच साल से छोटे बच्चों को तो फुलझड़ी भी न जलाने दें, बल्कि इन्हें खुद जलाकर बच्चों को दिखाएं।

पटाखे जलाने के लिए मोमबत्ती या लंबी लकड़ी का इस्तेमाल करें। माचिस से आग लगाना खतरनाक हो सकता है।

पटाखों को थोड़ी दूरी पर रखकर चलाएं।

एक बार में एक ही पटाखा चलाएं। एक साथ कई पटाखे छोड़ने की स्थिति में आपका ध्यान बंट सकता है और यही लापरवाही हादसे की वजह बन जाती है।

हवा वाले पटाखे मसलन रॉकिट वगैरह छोड़ते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसकी दिशा सही हो, अन्यथा यह किसी बड़े हादसे की वजह बन सकते हैं।

अगर आपने कोई पटाखा जलाया है और वह नहीं बजा या फूटा, तो उसे दोबारा जलाने की कोशिश न करें। पटाखा बजने के बाद उसे अपने पास पड़ी पानी की बाल्टी में डाल दें, क्योंकि इनमें आग शेष रहती है, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।

दीवाली की रात को घर की सभी खिड़कियां बंद कर दें, वरना खिड़की से अंदर आकर कोई पटाखा घर में आग लगा सकता है।

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