30 अगस्त, 2009

हावड़ा एक्सप्रेस में फौजियों ने किया उत्पात


हावड़ा से देहरादून आ रही हावड़ा एक्सप्रेस में शनिवार रात सेना के एक कैप्टन व तीन जवानों ने जमकर उत्पात मचाया। आरोप है कि इन लोगों ने बरेली से देहरादून के बीच यात्रियों से अभद्रता की और हथियार लहराते हुए जान से मारने की धमकी दी। आरोपी कैप्टन के खिलाफ जीआरपी थाने व संबंधित बटालियन में शिकायत दर्ज कराई गई है।

जानकारी के मुताबिक हावड़ा एक्सप्रेस शनिवार रात 11:50 पर बरेली स्टेशन पहुंची। बरेली स्टेशन से ट्रेन के एसी-2 कोच में सेना के एक कैप्टन और तीन जवान भी सवार हुए। आरोप है कि भीतर आते ही कैप्टन ने कोच की सभी लाइटें आन कर दीं। इस पर अधिकतर यात्रियों की नींद टूट गई। बताया जाता है कि यात्रियों ने कैप्टन से लाइटें बंद करने का आग्रह किया तो वे आक्रोशित हो गए। उन्होंने खुद को ड्यूटी पर होने का हवाला देते हुए लाइटें बंद करने से मना कर दिया। विरोध करने पर यात्रियों को जान से मारने की धमकी भी दी।

घबराए यात्रियों ने टीटी से शिकायत की। बाद में टीटी अशोक पांडे व ट्रेन का सुरक्षा स्क्वायड कोच में पहुंचे और कैप्टन को समझाने का प्रयास किया। टीटी ने मामले की जानकारी मुरादाबाद जंक्शन को दी। इस पर ट्रेन को मुरादाबाद में रोक लिया गया। ट्रेन 45 मिनट तक मुरादाबाद स्टेशन पर ही खड़ी रही। जैसे-तैसे ट्रेन को रवाना किया गया। लेकिन कैप्टन की अभद्रता जारी रही। जब ट्रेन नजीबाबाद स्टेशन पर रुकी तो यात्री जीआरपी चौकी पहुंचे। यात्री दुष्यंत सिंह की ओर से आरोपी कैप्टन एसएस मलिक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। कैप्टन मलिक गोरखा राइफल्स देहरादून में तैनात हैं।

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