28 मई, 2010

ट्रेन पर नक्सली हमला, 84 लोग मरे

कोलकाता, शनिवार, 29 मई २०१०।
पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम में मुंबई जा रही एक एक्सप्रेस ट्रेन पर शुक्रवार तड़के नक्सलियों के हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 86 हो गई है। उल्लेखनीय है कि इस हादसे में ट्रेन के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए और इनमें से पाँच दूसरी लाइन पर आ रही मालगाड़ी से टकरा गए। इस घटना में 250 लोग घायल हो गए हैं।

दक्षिण पूर्वी रेल अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता से 150 किलोमीटर के फासले पर स्थित पश्चिमी मिदनापुर जिले में हावड़ा-कुर्ला लोकमान्य तिलक ज्ञानेश्वरी सुपर डीलक्स एक्सप्रेस ट्रेन आज तड़के डेढ़ बजे खेमासोली और सर्दिया स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गई, जिससे 84 यात्रियों के मरने के अलावा 250 यात्री घायल भी हो गए हैं।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि अब तक दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के मलबे से 84 यात्रियों के शव बरामद किए गए हैं। अधिकारियों को डर है कि मरने वालों की तादाद में इजाफा हो सकता है क्योंकि हमले में सबसे ज्यादा प्रभावित एस 5 बोगी में अभी कई यात्री फँसे हो सकते हैं। तेज रफ्तार से चल रही इस ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद मालगाड़ी से जा टकराए।

टक्कर इतनी भयानक थी कि मालगाड़ी से टकराने वाले पाँच डिब्बे बुरी तरह पिचक गए और मुड़े-तुड़े डिब्बों के बीच फँसे यात्रियों के शरीर के हिस्से दिखाई दे रहे हैं। राहतकर्मी धातु काटने वाली मशीनों की मदद से घायलों और मृतकों को निकालने में लगे हैं।

माओवादियों के असर वाले इलाके में हुई इस रेल दुर्घटना के कारणों को लेकर अभी असमंजस की स्थिति है। रेलमंत्री ममता बनर्जी ने इसके लिए रेल की पटरी पर हुए बम विस्फोट को कारण बताया है, जबकि पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह तोड़फोड़ का परिणाम है क्योंकि पटरियों से फिश प्लेट उखड़ी पाई गई हैं।

पुलिस महानिदेशक भूपिन्दर सिंह ने कहा कि विस्फोट की बात अभी पक्के तौर पर नहीं कही जा सकती। उन्होंने कहा कि दुर्घटनास्थल पर रेल पटरी के 50 मीटर के इलाके में वह क्लिप टूटे हुए मिले, जो पटरी के खंडों को आपस में जोड़े रखने के काम में आते हैं।

कुछ यात्रियों ने भी कहा कि उन्होंने विस्फोट की आवाज नहीं सुनी। सिंह ने कहा कि यह साफ तौर पर तोड़फोड़ का मामला है। माओवादियों ने इसे अंजाम दिया है। केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने नई दिल्ली में कहा कि यह हादसा तोड़फोड़ का परिणाम लगता है, लेकिन अभी यह साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता कि धमाके में विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया।

ममता ने कहा कि दुर्घटनास्थल से टीएनटी विस्फोटक और जिलेटिन की छड़ें मिली हैं। रेलवे के महाप्रबंधक एपी मिश्रा ने भी कहा कि पटरी पर यह सामान मिला है। ममता ने कहा कि पेट्रोल का एक इंजन हादसे से आधा घंटा पहले उसी जगह से गुजरा था, लेकिन विस्फोट का वक्त घातक सिद्ध हुआ और पटरी का एक हिस्सा उड़ा दिया गया।

पुलिस महानिरीक्षक (कानून और व्यवस्था) के. कर्पूरकायस्थ ने कोलकाता में बताया कि माओवादियों के समर्थन वाले एक संगठन पीसीपीए (पीपुल्स कमेटी अगेंस्ट पुलिस एट्रोसिटीज) ने रेल की पटरी के नजदीक दो पोस्टर छोड़े हैं, जिनमें साफ तौर पर हादसे की जिम्मेदारी ली गई है। उन्होंने कहा कि माओवादियों ने ‘काला सप्ताह’ मनाते हुए इस घटना को अंजाम दिया।

पीसीपीए के प्रवक्ता असित महतो ने इस घटना में उनके संगठन के शामिल होने से इनकार किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक झाड़ग्राम मुकेश कुमार ने बताया कि पटरी से उतरे 13 डिब्बों में से पाँच निकट की पटरी पर गिर गए और विपरीत दिशा से आ रही मालगाड़ी से टकरा गए।

घायलों में से 78 को खड़गपुर रेलवे अस्पताल में, 39 को मिदनापुर सरकारी अस्पताल में और 25 को खड़गपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ घायलों का घटनास्थल के निकट ही इलाज किया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टरों ने अस्पतालों तक पहुँचाया।

चार डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त : घटनास्थल पर नक्सल विरोधी बल पहुँच गए हैं और वे शवों को बाहर निकालने में पुलिस तथा राहतकर्मियों की मदद कर रहे हैं। शयनयान श्रेणी के डिब्बे एस-5 एस-6, एस-7 और एस-8 बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं।

नहीं था मौके पर कोई सुरक्षाकर्मी : पलाश गांती नाम के एक यात्री ने बताया घटना का सबसे ज्यादा असर एस-5 और एस-6 डिब्बों पर पड़ा। गांती बी-1 डिब्बे में थे। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने खिड़की से बाहर देखा तो आधे डिब्बे पटरी से उतरे दिखे और विपरीत दिशा से आ रही एक मालगाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी। एक अन्य यात्री ने कहा पहले हमने सोचा कि ट्रेन को लूटने के लिए माओवादियों ने हमला किया है। जिस समय घटना हुई, उस समय रेलवे पुलिस बल का कोई भी कर्मी ट्रेन में मौजूद नहीं था

तीन घंटे बाद शुरू हुआ राहत कार्य : गुस्साए यात्रियों ने बताया कि राहत का पहला कार्य घटना के साढ़े तीन घंटे बाद सुबह लगभग पाँच बजे शुरू हो पाया। घटना से बेअसर रहे ट्रेन के नौ डिब्बों के यात्रियों ने घायलों को खड़गपुर ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराया।

मृतकों के परिजनों को पाँच-पाँच लाख : रेल मंत्रालय ने ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पाँच-पाँच लाख और घायलों को एक-एक लाख रुपए बतौर मुआवजा देने की घोषणा की है।

हेल्पलाइन नंब
खड़गपुर : 0322-255751, 255735
हावड़ा : 033-26382217'
टोल फ्री नंबर :033-10722
टाटानगर : 0657-2290324, 2290074, 2290382
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चक्रधरपुर : 06587-238072
झारसुगुदा : 06445-270977

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