एसएसपी अशोक कुमार सिंह का कहना है कि बांबे हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार जमानत के दौरान शाइनी को दिल्ली में रहने और वहीं के नजदीकी पुलिस स्टेशन में प्रत्येक सप्ताह उपस्थिति दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। नोएडा चूंकि उत्तर प्रदेश का हिस्सा है, लिहाजा उनका यहां रहना और पुलिस स्टेशन में उपस्थिति दर्ज कराना असंवैधानिक है। कोतवाली सेक्टर 20 पुलिस को निर्देश दिया गया था कि वह शाइनी को नोटिस दे।
क्षेत्राधिकारी प्रथम राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि शाइनी को बृहस्पतिवार को दिल्ली में रहने और वहां के नजदीकी पुलिस स्टेशन में उपस्थिति दर्ज कराने का नोटिस भेजा गया है। बुधवार को भी पुलिस उन्हें नोटिस देने नोएडा के सेक्टर 29 स्थित उनके घर गई थी, लेकिन वह नहीं थे। इसके बाद बृहस्पतिवार को दोबारा नोटिस भेजा गया, जिसे शाइनी को तामील [रिसीव] कराया गया है। इसके बाद शाइनी के लिए नोएडा में रहना संभव नहीं होगा। इतना ही नहीं शाइनी को जमानत मिले शनिवार को एक सप्ताह पूरा हो जाएगा। ऐसे में उन्हें शनिवार तक दिल्ली में रहने और वहां के नजदीकी पुलिस स्टेशन में उपस्थिति दर्ज कराने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
ज्ञात हो कि बांबे हाईकोर्ट से एक सप्ताह पूर्व जमानत मिलने के बाद रविवार को शाइनी पत्नी अनुपमा के साथ नोएडा में पिता कर्नल एसपी आहूजा के साथ रहने के लिए आए थे। अगले दिन सोमवार को रात सवा आठ बजे शाइनी पिता और एक मित्र के साथ कोतवाली सेक्टर 20 पहुंचे और उपस्थिति दर्ज कराई। उस वक्त कोतवाली में न तो प्रभारी निरीक्षक मौजूद थे और न ही कोई वरिष्ठ सब इंस्पेक्टर, लिहाजा उनके जमानत आर्डर नहीं देखे गए। एसएसपी के निर्देश पर कोतवाली सेक्टर 20 पुलिस ने बाद में शाइनी से उनके जमानत आदेश की कॉपी ली।