इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर गुरुवार को भूकंप का जोरदार झटका महसूस किया गया। इसकी तीव्रता सात मापी गई है, जबकि अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वेक्षण ने तीव्रता 6.8 बताई है। कल आए भूकंप के कारण मृतकों की संख्या करीब 467 हो गई है और हजारों लोग अब भी इमारतों के मलबे में दबे हुए हैं।
समुद्र के भीतर कल आए 7.6 तीव्रता के भूकंप में मृतकों की संख्या आगे बढ़ सकती है, क्योंकि बचाव दल बड़ी आबादी वाले सुमात्रा शहर में मलबों की खुदाई कर रहे हैं। अपुष्ट समाचारों के अनुसार इस हादसे में हजारों लोगों के मारे जाने की आशंका है।
स्वास्थ्य मंत्री सिती फदीलाह सुपारी ने कहा कि यह बहुत बड़ी आपदा है। तटीय शहर पाडांग और पश्चिमी सुमात्रा की राजधानी में बचाव दल ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया है। इस शहर की आबादी करीब नौ लाख है।
आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता प्रियादी कारदोनो ने कहा कि बुधवार शाम को आए भूकंप के झटके से पाडांग में करीब पाँच सौ इमारतें नष्ट हो गईं या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।
सामाजिक मामलों के मंत्री तुगियो बिसरी ने कहा कि 467 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है और 421 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। 376 लोगों की मृत्यु पाडांग में और शेष की आसपास के चार जिलों में हुई है।
पाडांग के मुख्य शहर में पाँच मंजिला अंबाकांग होटल से करीब 80 लोग अभी लापता हैं। रात में भय के वातावरण में समय बिताने वाले स्थानीय लोगों को आज सुबह भूकंप के नए झटके का सामना करना पड़ा ।
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वे ने बताया कि भूकंप की प्रारंभिक तीव्रता 6.8 थी और यह पाडांग से 240 किलोमीटर दक्षिण में केंद्रित था। भूकंप को 24 किलोमीटर की गहराई तक महसूस किया गया ।
भूकंप के दूसरे झटके के कारण सुमात्रा के एक अन्य शहर जांबी में कथित तौर पर 30 घर क्षतिग्रस्त हो गए। जांबी के महापौर हासफिहा ने कहा कि कितने लोग घायल हुए इसका पता नहीं चल पाया है। पाडांग में क्षतिग्रस्त या नष्ट इमारतों में अस्पताल, मस्जिद, स्कूल और एक माल शामिल है।
‘टीवी वन’ नेटवर्क से जारी वीडियो में भारी उपकरणों को 30 से अधिक छात्रों की तलाश में सीमेंट की परतों को तोड़ते दिखाया गया है। कक्षाएँ समाप्त होने के बाद ये स्कूली छात्र लापता हो गए थे। मलबे के भीतर अपने बच्चों के जीवित रहने की उम्मीद लिए छात्रों के अभिभावक घटनास्थल पर सारी रात टिके रहे।
सजल आँखों से एक महिला ने ‘टीवी वन’ से कहा कि मेरी आँखों के सामने मेरी बेटी का चेहरा बार बार घूम रहा है। मैं सो नहीं सकती, एक बार उसकी झलक पाने को मैं यहाँ उसका इंतजार कर रहीं हूँ। इमेल्डा नामक इस महिला की 12 वर्षीय बेटी योलेंडा स्कूल में विज्ञान की कक्षाओं में शरीक होने को आई थी।
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