स्वाइन फ्लू को लेकर शोधकर्ताओं ने सेन फ्रांसिस्को से दो अच्छी खबरें दी हैं। इस बीमारी से निपटने के लिए जारी दवाओं के परीक्षण सफल हो गए हैं। इससे एक दशक में पहली फ्लू औषधि के सामने आने का रास्ता साफ हो गया है। इसके साथ ही ऐसे प्रमाण भी मिले हैं कि इस प्रकार की दवाएँ न केवल बीमारी की अवधि को कम करती हैं, बल्कि जीवन को भी बचाती हैं।
एशियाई क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि परीक्षण के दौर से गुजर रही दवा की एक खुराक फ्लू के लक्षणों को उसी प्रकार समाप्त कर देती है, जिस प्रकार टैमी फ्लू की गोलियाँ पाँच दिन में अपना असर दिखाती हैं। इस खुराक को इंजेक्शन के जरिए दिया जाता है।
बीमारी पर काबू पाने के लिए अंत: शिरा :इंट्रावीनस : उपचार की जरूरत काफी शिद्दत के साथ महसूस की जा रही थी, क्योंकि कई बीमार लोग गोलियों को निगल नहीं पाते और बीमारी के चलते मुँह से ली जाने वाली खुराक को समाहित करने की शरीर की क्षमता भी प्रभावित होती है।
कई अन्य शोधों में टैमी फ्लू से उपचार के महत्व को दर्शाया गया है। एक शोध में पाया गया कि पूरी दुनिया में बर्ड फ्लू से प्रभावित लोगों में से आधे को टैमी फ्लू की दवाई दी गई और वे जिंदा बच गए, जबकि जिन लोगों को यह दवाई नहीं दी गई, उनमें से 90 फीसदी की मौत हो गई। एक अन्य शोध में भी पाया गया कि टैमी फ्लू सामान्य मौसमी फ्लू से भी बचाव करती है।
यूएस सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के फ्लू मामलों के प्रमुख नेंसी काक्स ने कहा समय-समय पर इस प्रकार के प्रमाण मिलते रहे हैं कि एंटीवायरल दवाएँ जिंदगी भी बचा सकती हैं।
नए अध्ययन ने इस उम्मीद को पुख्ता कर दिया है। इस अध्ययन के परिणामों पर अमेरिकन सोसायटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी की कैलिफोर्निया में हुए सम्मेलन में चर्चा की गई। अप्रैल में एच1एन1 स्वाइन फ्लू के फैलने के बाद संक्रामक रोगों के विशेषज्ञों की यह पहली बड़ी बैठक है।
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