15 सितंबर, 2009

भारत ने कॉम्पैक कप जीता

मेजबान श्रीलंका को 46 रनों से हराया
बल्लेबाजी के बादशाह सचिन तेंडुलकर के लाजवाब शतक से विशाल स्कोर बनाने के बाद भारत ने हरभजनसिंह की अँगुलियों की जादूगरी से श्रीलंका को फाइनल में सोमवार को यहाँ 46 रनों से हराकर कॉम्पैक कप त्रिकोणीय एकदिवसीय क्रिकेट सिरीज अपने नाम की।

सचिन को शानदार बल्लेबाजी के लिए न सिर्फ मैन ऑफ द मैच चुना गया, बल्कि मैन ऑफ सिरीज से भी उन्हें नवाजा गया। फास्टेस्ट फिफ्टी के लिए युवराजसिंह को पुरस्कृत किया गया, जबकि स्टाइलिश प्लेयर का खिताब हरभजनसिंह की झोली में गया और वे पुरस्कार स्वरूप यामाहा मोटर साइकल ले उड़े।

भारत ने टॉस जीतने का पूरा फायदा उठाया तथा तेंडुलकर ने अपने प्रिय मैदानों में से एक आर. प्रेमदासा स्टेडियम पर 138 रन की पारी खेली, जो उनका एकदिवसीय मैचों में 44वाँ और इस मैदान पर चौथा शतक है। कप्तान महेंद्रसिंह धोनी (56), उपकप्तान युवराजसिंह (नाबाद 56) और सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतरे राहुल द्रविड़ (39) ने भी उपयोगी योगदान दिया, जिससे भारत ने पाँच विकेट पर 319 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।

तिलकरत्ने दिलशान (42) और सनथ जयसूर्या ने श्रीलंका को तूफानी शुरुआत दिलाई और केवल सात ओवर में साठ रन जोड़ दिए, लेकिन इनकी पारियों पर विराम लगने के बाद कादंबी (66) और चमारा कपूगेदरा (35) की सातवें विकेट के लिए 70 रनों की साझेदारी भी नाकाफी साबित हुई और उसकी टीम 46.5 ओवर में 273 रन ही बना पाई।

भारत को दो बार मैच में वापसी दिलाने वाले हरभजन ने 56 रन देकर पाँच विकेट लिए जिससे टीम ने श्रीलंकाई सरजमीं पर लगातार तीसरी श्रृंखला जीतकर हैट्रिक पूरी की।

मैच में कुछ उतार चढ़ाव देखने को मिले लेकिन इसका आकर्षण तेंडुलकर का शतक और हरभजन की गेंदबाजी रही। तेंडुलकर ने 133 गेंद खेलीं तथा दस चौके और एक छक्का लगाया। उन्होंने द्रविड़ के साथ पहले विकेट के लिए 95 और धोनी के साथ दूसरे विकेट के लिए 110 रनों की उपयोगी साझेदारियाँ भी निभाई।

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