लंका में असुर राज रावण पर भगवान राम की जीत के लिए लोगों ने नौ दिन तक प्रार्थना की और व्रत रखा। दशहरा उत्सव पर लोगों ने नए कपड़े पहनकर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर जाकर बधाई दी और उपहार का आदान-प्रदान किया। बड़ी संख्या में लोगों ने पटाखे चलाकर उत्सव पर अपनी खुशी का इजहार किया, जबकि बाजारों में काफी बड़ी संख्या में लोगों ने खरीदारी की।
दशहरा पर्व को बुराई पर अच्छाई और सत्य पर असत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है। नवरात्र पर्व के दौरान लोगों ने नौ दिन व्रत रखा और भगवान राम के जीवन को प्रदर्शन करने वाली रामलीला का आयोजन किया गया।
सोमवार को दशहरे के दिन असुर राज रावण पर भगवान राम की विजय की प्रतीक के रूप में लंका नरेश के विशाल पुतलों का दहन किया जा रहा है। दिल्ली में ऐतिहासिक लाल किले के समीप रामलीला मैदान के अलावा अनेक अन्य स्थानों पर भी रावण, उसके भाई कुंभकर्ण और बेटे मेघनाद के विशालकाय पुतले जलाने के लिए लगाए गए है।