09 सितंबर, 2009

जेट पायलटों का आंदोलन जारी, 200 उड़ानें रद्द

जेट एयरवेज में पायलटों के आंदोलन के दूसरे दिन बुधवार को दोनों पक्षों की ओर से गतिरोध दूर करने की कवायद शुरू हो गई। आंदोलन के कारण आज दूसरे दिन भी देश की सबसे बड़ी निजी विमान सेवा की कम से कम 200 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और विभिन्न हवाई अड्डों पर प्रभावित यात्रियों को मुसीबतों का सामाना करना पड़ा। गतिरोध के दूसरे दिन आज 400 से ज्यादा पायलट काम पर नहीं आए।

आंदोलन के बीच जेट एयरवेज के प्रमुख नरेश गोयल ने नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल से दिल्ली में मुलाकात की और उन्हें स्थिति की जानकारी दी। समझा जाता है कि मंत्री ने गोयल से आंदोलन खत्म कराने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है।

कंपनी के एक प्रवक्ता ने मुंबई में कहा कि 19 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों सहित देशभर में 153 उड़ाने निरस्त की गई हैं, क्योंकि 1056 पायलटों में 432 आज भी काम पर नहीं आए। कुल पायलटों में 160 ऐसे हैं, जिन्हें सेवा विस्तार दिया गया है।

इससे पहले गोयल ने चेतावनी दी थी कि आंदोलनकारी यदि कंपनी के नियमों और प्रक्रियाओं का पालन नहीं करते हैं तो एयरलाइन के पास और लोगों को बर्खास्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि कंपनी नेशनल एविएटर्स गिल्ड (नाग) को मान्यता नहीं देती, जो कुछ पायलटों की बहाली के आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है, जिन्हें यूनियन बनाने की वजह से बख्रात कर दिया गया था। नाग का दावा है कि उसके 680 सदस्य हैं।

हवाई अड्डा सूत्रो ने मुंबई और दिल्ली में बताया कि जेट की यूरोप, ब्रिटेन, उत्तर अमेरिका और सिंगापुर को छोड़कर ज्यादातर सुबह की उड़ानें रद्द कर दी गईं।

उधर आंदोलन कर रहे जेट एयरवेज के पायलटों ने कहा है कि मौजूदा संकट की वजह से परिचालन बंद करने की गोयल की चेतावनी से वे दबाव में नहीं हैं। एनएजी के अध्यक्ष गिरीष कौशिक ने यात्रियों की परेशानियों के लिए एयरलाइन प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया।

डीजीसीए के अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें यूनियन के विचारों से अवगत कराने यहां आये कौशिक ने कहा, ‘‘ हम कंपनी में सिर्फ अपनी आवाज वापस चाहते हैं। हम अपने दो सहयोगियों की वापसी चाहते हैं जिन्हें बख्रास्त कर दिया गया है। यह :यात्रियों की समस्या: हमारी वजह से नहीं है। हम स्थिति को वापस सामान्य बनाना चाहते हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या गोयल के बयान के बाद वे दबाव में हैं, उन्होंने कहा, ‘‘ हम किसी दबाव में नहीं हैं। ’’ आवश्यक सेवा अधिनियम :एस्मा: लगाये जाने की संभावना के बारे में उन्होंने कहा कि वे जो कुछ भी लागू करना चाहते हैं, वे कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमा रास्ता सच्चाई का रास्ता है।’’ कौशिक ने कहा कि यह हड़ताल नहीं है क्योंकि हर पायलट आंदोलन में खुद शामिल हुआ है।

इसबीच जेट एयरवेज ने आज कहा कि उसने अपने सिर्फ दो पायलटों को सेवा से बख्रास्त किया है और किसी अन्य पायलट के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।

कंपनी के एक प्रवक्ता ने पायलटों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में मीडिया की रिपोर्टों पर सफाई देते हुए कहा ‘‘हमने कल दो पायलटों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी। उनके अलावा और किसी भी पायलट को बख्रास्त नहीं किया गया है।

इससे पहले, सूत्रों ने कहा था कि पायलटों के कल सामूहिक रूप से अवकाश लेने पर जेट ने आज पाँच और पायलटों को बर्खास्त कर दिया है। अब तक चार पायलटों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।

पायलटों ने अपने दो बर्खास्त साथियों की बहाली की माँग को लेकर सात सितम्बर को हडताल का आह्वान किया था। तब इस मामले को सुलह सफाई के लिए क्षेत्रीय श्रम आयुक्त को भेज दिया गया था।

आयुक्त ने 31 अगस्त को जेट एयरवेज और पायलटों की एक बैठक बुलाई थी और उनसे औद्योगिक विवाद कानून 1947 का पालन करने को कहा था। आयुक्त ने यह भी कहा था कि जब तक यह मामला उसके सुपुर्द है तब तक जेट किसी भी पायलट की सेवा समाप्त नहीं कर सकता जबकि उस अवधि में पायलट भी हडताल पर नहीं जा सकते।

इसके बाद पायलटों ने अपनी सात सितम्बर की हड़ताल का आह्वान वापस ले लिया था लेकिन अपने साथियों की बर्खास्तगी के विरोध में उन्होंने सामूहिक अस्वस्थता अवकाश ले लिया था।

देश के विभिन्न हिस्सों से जेट एयरवेज की उड़ानों को निरस्त किए जाने की सूचनाएँ हैं। चेन्नई में छह घरेलू उड़ानों को रद्द किया गया है। कोच्चि में एयरवेज की दो उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। जिन उड़ानों को रद्द किया गया उनमें एक शारजाह जाने वाली थी, जबकि एक मुंबई जाने वाली थी।

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