समिति ने अंबाला शहर से 20 किलोमीटर दूर अंबाला-जगधारी मार्ग पर बरारा गांव में यह पुतला रखा है। रामलीला समिति के अध्यक्ष तेजिंदर सिंह चौहान ने बताया कि रावण को पहुंचाने और उसे खड़ा करने के लिए हम लोगों को क्रेनों का इस्तेमाल करना पड़ा। यह एक मुश्किल प्रक्रिया थी। यह देश का सबसे लंबा रावण है और इसे देखने यहां हजारों लोग आ रहे है।
समिति ने रावण का पुतला बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से 20 कलाकारों को बुलाया था। ये सभी कलाकार मुसलमान थे। दशहरे के अवसर पर शाम को इसका दहन किया जाएगा। यह पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत दर्शाता है। रावण के इस पुतले का वजन करीब 3,000 किलोग्राम है। जिसे बनाने में 400,000 रुपये से अधिक की लागत आई है।
पुतला बनाने वाले कलाकारों के दल के मुख्य कलाकार मोहम्मद उस्मान ने कहा कि रावण के पुतले में 100,000 रुपये के पटाखे लगाए गए है। विशाल आकृति के लिए बांस के डंडों का उपयोग किया गया है। बांस के इन डंडों से 50 झोंपड़ियां तैयार की जा सकती थीं। समिति ने 2007 में 151 फुट लंबा और 2008 में 171 फुट लंबा पुतला बनाया था। उसका अगले साल 200 फुट लंबा पुतला बनाने का इरादा है।