24 अगस्त, 2009

दुनिया के सबसे सस्ते शहर हैं दिल्ली, मुंबई

देश की राजनीतिक राजधानी दिल्ली और वित्तीय हब मुंबई दुनिया के सबसे सस्ते शहरों में से हैं। स्विस बैंकिंग समूह यूबीएस के एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में रहने और खाने के खर्च में इजाफा हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली और मुंबई दुनिया में सबसे सस्ते शहर साबित हुए हैं।
यूबीएस के मुताबिक, सर्वेक्षण में दुनिया के 73 सबसे महँगे शहरों में महँगाई के आकलन के आधार पर तैयार सूची में दिल्ली और मुंबई सबसे निचले स्तर पर रहे हैं। दुनिया में रहन-सहन के खर्च के ऊँचाइयों पर पहुँचने के कारण ओस्लो, ज्यूरिख और कोपेनहेगन दुनिया के सबसे महँगे शहर साबित हुए हैं।
यह सर्वेक्षण उस समय आया है जब भारत में खाद्यान्नों के दाम बढ़ रहे हैं और देश में सूखे की स्थिति के कारण कीमतों में और तेजी आने का अंदेशा जताया जा रहा है।
वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने हाल में कहा है कि सरकार माँग और आपूर्ति के अंतर को पूरा करने के लिए आयात का सहारा लेगी। मानसून सामान्य से कम रहने की वजह से खाद्यान्नों और अन्य कृषि जिंसों के उत्पादन में गिरावट आने के आसार को देखते हुए सरकार ने यह बयान दिया है। दिलचस्प तथ्य यह है कि कई कम विकसित अर्थव्यवस्थाओं के शहर सबसे महँगे शहरों की सूची में इन दो भारतीय शहरों से आगे हैं।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि वैश्विक वित्तीय संकट और मुद्रा परिदृश्य में बदलाव के कारण कई शहरों की स्थिति में बदलाव आया है। मुद्रा के अवमूल्यन के कारण कई उभरते बाजारों में कीमतों कम हुई हैं। मैक्सिको सिटी, मास्को और सोल में कीमतों में सबसे ज्यादा गिरावट आई है। पौंड के अवमूल्यन के कारण 2006 में दुनिया का दूसरा सबसे महँगा शहर लंदन सूची में 20 पायदान नीचे चला गया है।
एशिया में सबसे महँगे और सबसे सस्ते शहर में कीमतों का अंतर सबसे ज्यादा है। टोक्यो दुनिया के पाँच सबसे महँगे शहरों में से है, वहीं क्वालालंपुर, मनीला, दिल्ली और मुंबई दुनिया के सबसे सस्ते शहरों में आते हैं। वेतन आदि की बात की जाए तो टोक्यो के श्रमिकों को सबसे ज्यादा वेतन मिलता है, वहीं कोपेनहेगन, ज्यूरिख, जिनेवा और न्यूयॉर्क के कर्मचारियों को सबसे ज्यादा सकल वेतन मिलता है।

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