20 अगस्त, 2009

गुरुवार को चार पर स्वाइन की मार

स्वाइन फ्लू का काला साया गुरुवार को और गहरा हो गया। इसके चलते दिल्ली में जहाँ एक महिला और एक युवक ने जिंदगी से नाता तोड़ लिया, वहीं कर्नाटक में दो लोग काल के गाल में समा गए।
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक निशीथ कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि राजधानी में एच1एन1 फ्लू से मरने वाला पहला व्यक्ति 35 वर्षीय गुड़गाँव निवासी है, जो पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर था।
इसके अलावा 31 वर्षीय एक महिला को कल गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसकी आज मौत हो गई। राजधानी में स्वाइन फ्लू के 25 नए रोगियों को कल अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। अब इस तरह के मामलों की संख्या 361 हो गई है।
डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि महिला की लार के नमूनों को जाँच के लिए राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान भेजा गया था, जहाँ से रिपोर्ट आने पर मृतका में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। गौरतलब है कि यह महिला 15 अगस्त को सिंगापुर से लौटी थी।
कर्नाटक में गई दो की जान : देश के आईटी हब कहे जाने वाले बैंगलुरु में स्वाइन फ्लू ने गुरुवार को दो और लोगों की जान ले ली। इसके साथ कर्नाटक में इस बीमारी से मरने वालों की कुल तादाद सात हो गई है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि पहला मामला 15 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराए गए 45 साल के एडवर्ड मोहन का है, जो स्वाइन फ्लू से पीड़ित थे।
अधिकारियों ने बताया कि दूसरा मामला 36 साल की कल्पना का है, जिसकी 17 अगस्त को स्वाइन फ्लू से मौत हो गई। कल्पना को इससे तीन दिन पहले ही रमया अस्पताल में दाखिल कराया गया था, जहाँ उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था।
दोनों मरीज साँस लेने में हो रही तकलीफ ‘एक्यूट रेस्पीरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम’ की वजह से मारे गए।
स्वाइन फ्लू से भारत में मारे गए लोगों के मामले में कर्नाटक दूसरे पायदान पर है। गौरतलब है कि इस बीमारी से महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 18 लोगों के मारे जाने की खबरें आई हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 13 लोग पुणे में मारे गए हैं।

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