मनमोहन सिंह के साथ द्विपक्षीय वार्ता में नेपाल कई मुद्दों पर बात करेंगे, जिनमें मुख्य रूप से प्रत्यर्पण संधि, 1950 की शांति और मित्रता संधि, भूटानी शरणार्थियों की समस्या, नेपाल में शांति प्रक्रिया और सुरक्षा और सीमा से जुड़े मुद्दों पर बातचीत शामिल है।
नेपाल के साथ देश के वित्त, पर्यटन, वाणिज्य और ऊर्जा और उद्योग मंत्री भी भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान भारत के साथ पंचेश्वर बहुउद्देश्यीय परियोजना को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं। परियोजना से बिजली संकट से जूझ रहे नेपाल में बिजली का उत्पादन सामान्य कीमत से सात गुना कम कीमत पर हो सकेगा।
माधव कुमार नेपाल ने भारत यात्रा से पूर्व कहा कि पंचेश्वर परियोजना की लागत सामान्य बिजली परियोजना से सात गुना कम है, इसलिए इसे आगे बढ़ाया जाएगा। पंचेश्वर परियोजना नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर थापा और तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव के बीच 1996 में हुई महाकाली इंटीग्रेटेड संधि का एक भाग है। उस समय इस संधि का तत्कालीन विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल ने भी स्वागत किया था।
हालांकि इसके बाद परियोजना नेपाल में आए राजनीतिक अस्थिरता के कारण आगे नहीं बढ़ सकी। माओवादियों के सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री प्रचंड ने भी इसे आगे बढ़ाने की इच्छा जताई थी। हालांकि अब माओवादियों ने धमकी दी है कि अगर प्रधानमंत्री परियोजना पर बात आगे बढ़ाते हैं तो वे इसका विरोध करेंगे।