15 जुलाई, 2009

पर्यटन के क्षेत्र में निवेश के लिए खुशखबरी

विलासिता कर सहित विभिन्न तरह के करों में सात साल तक छूट, जमीन निबंधन और बिजली की सालाना न्यूनतम गारंटी आदि में भी मिलेगी राहत
पर्यटन के क्षेत्र में निवेश के लिए नजर लगाए लोगों के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार ने प्रदेश के लिए नई पर्यटन नीति को मंजूरी दी है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा पहले से ही दिया जा चुका है। नई नीति लागू होने के बाद इस क्षेत्र में निवेश करने वालों को उसी तरह छूट मिलेगी जिस तरह औद्योगिक नीति के तहत नये उद्योग लगाने पर मिलते हैं। बुधवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गयी। इस क्षेत्र में निवेश करने वालों को विलासिता कर सहित विभिन्न तरह के करों में सात साल तक छूट, जमीन निबंधन और बिजली की सालाना न्यूनतम गारंटी आदि में भी राहत मिलेगी। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सरकार अलग फोर्स भी गठित करेगी। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इसके तहत मरीजों को दैनिक भोजन मद में राशि 25 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये की जानी थी। मगर प्रस्ताव में मेडिकल कालेज अस्पताल शामिल नहीं रहने के कारण बैठक में इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका। अगली बैठक में इसे हरी झंडी मिलेगी। कैबिनेट में प्रथम अनुपूरक और इससे संबंधित विनियोग को हरी झंडी प्रदान की गयी। कैबिनेट ने सकरी और रैयाम चीनी मिल के स्थान पर नई चीनी मिल स्थापित करने और गुरारू चीनी मिल के स्थान पर चावल मिल स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। बैठक में कटाव निरोधक दो योजनाओं के लिए 70 करोड़ रुपये तथा मध्याह्न भोजन के लिए राशि स्वीकृति की गयी।

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