17 जुलाई, 2009

सुप्रीम कोर्ट का फैसला हिंदी में नामुमकिन: आयोग


विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह स्पष्ट कर दिया है कि उच्चतम न्यायालय में हिन्दी में फैसला सुनाना किसी भी रूप में संभव नहीं है।
इस तरह आयोग ने राजभाषा समिति की उस अनुशंसा को ठुकरा दिया है जिसमें उच्चतम न्यायालय में हिन्दी को अनिवार्य बनाने की सिफारिश की गई थी।

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एआर. लक्ष्मण की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। यह रिपोर्ट आज संसद में पेश की गई।
इस समिति में सात अंशकालिक सदस्य, एक पूर्ण कालिक सदस्य और एक सदस्य सचिव थे। समिति ने उच्चतम न्यायालय के 13 सेवानिवृत न्यायाधीशों तथा आठ वरिष्ठ अधिवक्ताओं, तीन न्यायालय अधिवक्ता संगमों तथा भारतीय विधिज्ञ संगम के अध्यक्ष फली एम. नरीमन को पत्र भेजकर उनकी राय मांगी थी कि क्या हिन्दी में फैसला सुनाना संभव है।

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