16 जुलाई, 2009

कार्रवाई बिना समग्र वार्ता नहीं: मनमोहन


प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शर्म अल शेख (मिश्र) में कहा है कि पाकिस्तान के साथ समग्र वार्ता तब तक शुरू नहीं हो सकती, जब तक मुंबई हमलों के षड्यंत्रकारियों को न्याय के कटघरे में नहीं लाया जाता।

प्रधानमंत्री ने गुरुवार को कहा कि बलूचिस्तान में हो रहे घटनाक्रमों के बारे में भारत के आशंकित होने का कोई कारण नहीं है। वहां हमारी नीतियां खुली किताब की तरह हैं। हम किसी भी मुद्दे पर चर्चा को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत किस प्रकृति की होगी, इस पर कोई फैसला नहीं किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वार्ता प्रक्रिया अगर बहाल हो भी गई, तो वह तब तक आगे नहीं बढ़ेगी जब तक पाकिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल भारत के खिलाफ निर्देशित आतंकवाद के लिए होता रहेगा।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अगर मुंबई जैसे हमलों की पुनरावृत्ति हुई तो संबंधों को आगे बढ़ाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की संघीय सरकार पंजाब सरकार को जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की रिहाई को चुनौती देने के लिए मनाने की कोशिश कर रही है।

भारत और पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को समग्र वार्ता से नहीं जोड़ने पर गुरुवार को सहमत हुए, वहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने पाकिस्तानी समकक्ष यूसुफ रजा गिलानी से यह वादा करवा लिया कि मुंबई हमलों के षड्यंत्रकारियों को दंडित करने के लिए इस्लामाबाद वह सब कुछ करेगा, जो उसके अधिकार में है।

ध्यान दें

प्रकाशित समाचारों पर आप अपनी राय या टिपण्णी भी भेज सकते हैं , हर समाचार के नीचे टिपण्णी पर क्लिक कर के .

लोकप्रिय समाचार