10 मई, 2009

लीची की पैदावार अच्छी

बिहपुर प्रखंड के बभनगामा, अमरपुर , लत्तीपुर, अरसंडी के लीची बगानों में इस बार लीची की पैदावार अच्छी है। जबकि खरीक प्रखंड के तेलघी , कठेला, खरीक बाजार और ध्रुवगंज में लीची के बाग पिछली बार की अपेक्षा सूने हैं। बभनगामा के लीची बाग के मालिक अजय कुमार ने बताया कि एक दो दिनों में देसी लीची टूटने लगेगा। लीची की यह किस्म दिल्ली की मंडी भेजने के लिए ट्रक बुक कर लिया गया है। गत साल लीची का रेट दो सौ से सवा दो सौ रुपये सैकड़ा था। इस बार इसके कारोबारियों ने मूल्य ढाई से तीन सौ रुपये सैकड़ा के हिसाब से लीची बेचने का मन बनाया है। विदित हो कि हर साल नवगछिया अनुमंडल में लीची व आम का कारोबार पांच से दस करोड़ रुपये के बीच होता है। लीची बगान के मामले में बिहपुर प्रखंड सबसे ज्यादा धनी इलाका है। यहां एक -एक बागवान को 17 एकड़ तक लंबा-चौड़ा लीची बगान है। अमरपुर के लगीना सनगही ने इस बार अपने बगान को साढ़े चार लाख रुपये में बेचा है। उनके बगान में लीची के पांच सौ से अधिक पेड़ हैं। अमरपुर के ही अमरेन्द्र चौधरी का लीची बगान 15 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है। लीची के समय यहां मजदूरों को बगान में काम मिल जाता है। पिछले कई सालों से लीची बगान खरीदने वाले संजू झा और व्यास कुमार बताते हैं कि लीची की अच्छी पैदावार व उसमें मिठास भरने के लिए बारिश की जरूरत है। अगर एक दो वर्षा हो जाए तो लीची का फल पूरी तरह पक जाएगा तथा इसमें मिठास भी भरपूर होगा।

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