09 मई, 2009

बुनकरों को बिना खर्च के सोलर लालटेन

बुनकरों के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराते देख नाबार्ड ने उनके लिए रात में भी वस्त्र का उत्पादन जारी रखने पहल की है। इसके तहत उन्हें बिना खर्च के सोलर लालटेन उपलब्ध करायी जा रही है। इस योजना के तहत गरीब बुनकरों को चिन्हित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को पटना स्थिति नाबार्ड के उप महाप्रबंधक डी हरि एवं दिल्ली की टेरी संस्था से धैर्या ढोलकिया की टीम ने बादे लौगांय, सलेमपुर, इब्राहिमपुर फुलवरिया और शेखपुरा गांवों का दौरा किया। उन्हें सोलर लालटेन के लाभ, उनका प्रयोग करने का तरीका और उपलब्ध होने संबंधी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए प्रत्येक गांव में एक समूह को चिन्हित कर उसके स्तर पर 50 लालटेन प्वांइट चार्जर यूनिट लगाया जाएगा। इस योजना पर आने वाला खर्च नाबार्ड वहन करेगा। इस योजना में नाबार्ड 2 लाख रुपये खर्च वहन करेगा। उन्होंने बताया कि इस योजना में 10 प्रतिशत की राशि समूह के स्तर पर अंशदान देने के लिए भी नाबार्ड द्वारा साफट लोने दिया जाएगा जिसे 100 किस्तों में वापस लौटाने का प्रावधान है। इस दौरान करीब एक सौ महिला बुनकरों ने दिल्ली से आई टीम से मिलकर सोलर लालटेन के इस्तेमाल, उस पर आने वाले खर्च आदि की जानकारी पायी। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही बुनकरों को सोलर लालटेन उपलब्ध कराया जाएगा। दिल्ली से पहुंची टीम का सहयोग नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक नवीन राय, चंदन शुक्ला कर रहे थे।

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