21 दिसंबर, 2009

बारिश, बर्फबारी से महंगा हुआ प्याज

मौसम का रूख ऎसा ही बना रहा तो आने वाले दिनों में लोगों को सब्जी में प्याज का तडका लगाना महंगा पड सकता है। महाराष्ट्र में बारिश, शिमला में बर्फबारी व नए वर्ष का आगाज होने से प्याज की मांग फिर बढी है। इसके चलते अलवर मण्डी में रविवार को प्याज के भाव ने इस सीजन के सभी रिकार्ड तोड दिए।

पिछले दिनों गुजरात व महाराष्ट्र में फयान से हुई तबाही में प्याज की फसल भी चौपट हो गई थी। इससे अलवरी लाल प्याज की मांग बढ गई। अक्टूबर माह से मण्डी में प्याज की बंपर आवक रही और अधिकांश प्याज महाराष्ट्र, गुजरात, आसाम, पश्चिम बंगाल सहित अन्य प्रदेशों में जाता रहा। इसके बावजूद भी मांग के अनुसार पूर्ति होने के कारण अलवर में प्याज के भाव गिरने लगे थे। प्याज के भाव 1700 रूपए प्रति क्विंटल से गिरकर 800 रूपए प्रति क्विंटल पर आ गए थे।

पिछले दिनों महाराष्ट्र व गुजरात में फिर बारिश होने, शिमला में भारी बर्फबारी होने तथा नए वर्ष के स्वागत के लिए होने वाले आयोजनों में नॉनवेज की मांग बढने के कारण प्याज की अचानक मांग बढ गई और अलवर मण्डी में प्याज के भाव रविवार को 2000 रूपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। पूरे सीजन में प्याज के भाव जहां 1700 रूपए प्रति क्विंटल से ऊपर नहीं जा पाए थे। उसी प्याज के भाव ने दो हजार ऊपर पहुंच कर रिकार्ड तोड दिए। प्याज के भाव आने वाले दिनों में और अधिक बढ सकते हैं।

अलवर, दिल्ली के आस पास व यूपी के कुछ इलाकों में पैदा होने वाली फालर वाली प्याज पिछले दिनों हुई बारिश से गीली हो गई है। इससे किसान इस प्याज को काटकर नहीं ला रहे हैं। फालर प्याज की आवक कम होने से भी लाल प्याज के भावों पर असर आया है।

रविन्द्र गोयल, सहायक सचिव, फल सब्जी मण्डी का कहना है कि महाराष्ट्र व गुजरात में पुन: बारिश, शिमला में बर्फबारी व नए वर्ष के आयोजन तथा फालर वाली प्याज कम आने से लाल प्याज के भाव एकदम बढ गए हैं। मण्डी में रविवार को प्याज अधिकतम दो हजार रूपए प्रति क्विंटल व कम से कम एक हजार प्रति क्विंटल के भाव बिकी है। आने वाले दिनों में प्याज के भाव और अधिक बढ सकते हैं।

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