24 अक्तूबर, 2010

प्रधानमंत्री तीन देशों के दौरे पर रवाना

नई दिल्ली। पूर्व की ओर देखो नीति को आगे बढ़ाने के उद्देश्य को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह रविवार को जापान, मलेशिया और वियतनाम की यात्रा पर रवाना हो गए।

इस महत्वपूर्ण यात्रा के दौरान आपसी बातचीत के बाद व्यापार संबंधी समझौतों की घोषणा होगी। मनमोहन सिंह जापान और मलेशिया की द्विपक्षीय यात्रा तथा वियतनाम में आसियान-भारत एवं ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। वियतनाम में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह चीनी राष्ट्रपति वेन जियाबाओ और अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे। अपनी सात दिवसीय यात्रा में मनमोहन सिंह दो दिन जापान में रुकेंगे जहां वह जापानी प्रधानमंत्री नओतो कान से विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे।

दोनों नेता नागरिक परमाणु ऊर्जा सहयोग, सुरक्षा सहयोग तथा भारत में चलाए जा रहे संयुक्त आधारभूत संरचना परियोजनाओं के साथ साथ आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने पर बातचीत करेंगे।

प्रस्थान के समय दिए अपने वक्तव्य में प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान के साथ वार्षिक शिखर सम्मेलन की परंपरा के फलस्वरूप दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत, व्यापक और बहु आयामी हुए हैं।

जापान को भारत का एक प्रमुख आर्थिक साझीदार बताते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि देश ने जापानी सहयोग से कई बड़ी ढांचागत परियोजनाएं शुरू की हैं और इन परियोजनाओं से देश में एक व्यापक बदलाव देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारा व्यापारिक एवं आर्थिक संबंध एक नए चरण में प्रवेश करने को तैयार है। मैं प्रधानमंत्री कान से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर बातचीत करूंगा।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जापान यात्रा के दौरान व्यापक आर्थिक साझीदारी समझौते की घोषणा की जाएगी जिससे दोनों देशों को लाभ होगा। हालांकि इस यात्रा के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना नहीं है क्योंकि जापान को कुछ आंतरिक प्रक्रिया अभी पूरी करनी बाकी है मसलन समझौते को जापानी संसद की मंजूरी आदि। यात्रा के दूसरे चरण में मनमोहन 26 अक्टूबर को मलेशिया जाएंगे और वहां के प्रधानमंत्री मोहम्मद नाजिब तुन अब्दुल रज्जाक से बातचीत करेंगे। मनमोहन ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नाजिब के साथ नए क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशने के लिए बातचीत करूंगा जिससे दोनों देशों के इतिहास एवं संस्कृति के समृद्ध रिश्तों में मजबूती लाई जा सके।

उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी यात्रा से दोनों देशों के बीच ढांचागत विकास, रेलवे, ज्ञान उद्योग, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र एवं लोगों के बीच आपसी मेलजोल में व्यापक एकीकरण का मार्ग प्रशस्त होगा। मलेशिया के साथ हमारा एक विशेष संबंध है क्योंकि यह 20 लाख से अधिक भारतीय मूल के सबसे बड़े समुदायों का घर है।

इस यात्रा के दौरान दोनों देश कई संधियों पर हस्ताक्षर करेंगे और व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते की घोषणा करेंगे। इस समझौते पर अगले साल मार्च में हस्ताक्षर होने की संभावना है। मनमोहन हनोई में आसियान-भारत शिखर और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। सिंह ने कहा कि मैं आसियान नेताओं के साथ भविष्य में सहयोग के लिए रूपरेखा पर चर्चा करूंगा जिसकी झलक भारत-आसियान कार्ययोजना 2010-2015 में देखने को मिलेगी।

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