17 जुलाई, 2009

एपीपी के पारिश्रमिक को लेकर विधि सचिव तलब

पटना उच्च न्यायालय ने पूर्व में दिये गये निर्देश के बाद भी सरकार के हलफनामा नहीं दायर करने पर शुक्रवार को गहरी नाराजगी जतायी। न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी की पीठ ने विधि सचिव को पुन: एक सप्ताह का समय देते हुए कहा यदि अगली तिथि तक जवाब नहीं मिला तो विधि सचिव को स्वयं कोर्ट में उपस्थित होना पड़ेगा। पटना उच्च न्यायालय के अपर लोक अभियोजकों ने याचिका दायर कर कनीय वकीलों से भी कम फीस दिये जाने पर आपत्ति जाहिर की है। राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को जानकारी दी गयी कि विधि विभाग को पहले भी दो बार पत्र लिख कर अदालत के आदेश की जानकारी दी जा चुकी है। किन्तु अभी तक कोई जबाव नहीं मिल पाया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि एपीपी को जूनियर से कम फीस देना संविधान की अनुच्छेद 14 का उलंघन है। मालूम हो कि 20 जनवरी से कनीय वकीलों को 6 सौ रूपये प्रतिदिन के हिसाब से पेशागत फीस मिल रहा है। साथ ही शपथ पत्र लिखने के लिए अलग से 2 सौ रूपया दिया जाता है जबकि उससे सीनियर(एपीपी) को प्रतिदिन सिर्फ 4 सौ रूपया प्रतिदिन मिल पाता है। फीस में असमानता को लेकर महाधिवक्ता पीके शाही ने राज्य सरकार से पहल की है किन्तु मामला अभी तक विचाराधीन है।

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