यह विधेयक पूर्व की भाजपा सरकार के कार्यकाल में विधानसभा से पारित हुआ था। तब से यह राज्यपाल के पास उनकी मंजूरी के लिए लंबित था। अब एक बार फिर गुर्जरों के आंदोलन की पृष्ठभूमि में राज्यपाल ने इस पर अपनी मंजूरी दे दी है।
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भी लंबित पड़े आरक्षण विधेयक पर चर्चा हुई थी। फिर मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर राज्यपाल से चर्चा की। इसके बाद राज्यपाल ने विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए।
गौरतलब है कि गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने 26 जुलाई को करौली जिले में गुर्जरों की महांपचायत बुलाई थी। इसके बाद गुर्जरों ने वहीं महापड़ाव शुरू कर दिया था। मामला गरमाता देख मुख्यमंत्री गहलोत ने बैंसला को वार्ता के लिए जयपुर बुलाया था। बैंसला और सरकार के बीच पिछले तीन दिनों से बातचीत चल रही थी। चर्चा ऐसी भी चल रही थी कि सरकार आरक्षण पर नया विधेयक लाएगी, लेकिन राज्यपाल ने गुरुवार को विधेयक पर दस्तखत कर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया। इसके बाद राज्य में गुर्जरों का आंदोलन भी थम जाने की उम्मीद जगी है।