21 अक्तूबर, 2010

महंगाई की मार से त्योहारों का उत्साह ठंडा

दिल्ली । महंगाई के कारण आने वाले त्योहारों के लिए लोग खास उत्साहित नहीं दिख रहे हैं। उत्साह दिखाने का मतलब है, घर का बजट अगले दो तीन महीने के लिए बिगड़ जाना। ऐसे में लोग बाजार तो जा रहे हैं, लेकिन खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं। बाजार में चीजों की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि मध्यम वर्ग के लोग निराश हो जाते हैं।

दीपावली की बात करें, तो घरों को सजाने के लिए बिजली के सामानों की बिक्री बढ़ जाती है। रंग, पेंट आदि की भी मांग बढ़ती है। इस बार ऐसी स्थिति नहीं है। पिछले साल की तुलना में अब तक 30 फीसदी भी खरीदारी नहीं हो पाई है।

करवा चौथ से एक सप्ताह पूर्व ही मेहंदी कलाकार चमन की व्यस्तता इतनी बढ़ जाती थी कि घर लौटने का समय ही नहीं मिलता था। इस वर्ष मेहंदी लगाने का बाजार पिछले वर्ष की तुलना में ठंडा पड़ गया है।

रानी बाग के व्यवसायी बृजमोहन बताते हैं कि हाल के दिनों में बाजार में चीन निर्मित बिजली के सजावटी सामान की मांग है। चीन की चीजें सस्ती होती हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार के बिगड़ते हालात के मद्देनजर चीनी वस्तुओं की लागत में वृद्धि हो गई है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से चीन में बने बिजली के सामनों की कीमतों में 20 से 25 फीसदी तक बढ़ोतरी हो गई है। यही हाल भारत में बने सामानों की है। ऐसे में लोग बाजार तो पहुंच रहे हैं, लेकिन मोल भाव कर लौट जा रहे हैं।

इसी तरह से घरों के रंग-रोगन के लिए पेंट की कीमतों में वृद्धि हो गई है। रंग व पेंट की एक मशहूर कंपनी ने इस बार अपने उत्पादों की कीमतें 25 फीसदी बढ़ा दी है। ऐसे में घरों को रंग-रोगन कर उसे सजाने व संवारने के लोगों के सपनों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। मंगोलपुरी के जी ब्लाक में रहने वाली गृहणी सरिता कहती हैं कि पिछली बार घर का रंग रोगन नहीं करा पाई। सोचा कि अगली बार करा लेंगे, लेकिन इस बार जब रंग व पेंट खरीदने के लिए बाजार गई, तो उनकी कीमतों को सुनकर हिम्मत पस्त हो गई।

मेवा और दूध की कीमतों में वृद्धि का असर मिठाई के कारोबार को प्रभावित कर रहा है। दूध की कीमतों में अब तक कई बार वृद्धि हुई। हाल ही में मेवा की कीमत भी बढ़ गई।

फोटो 21 पीकेटी-6

उत्तरी बाहरी दिल्ली की प्रमुख मार्केटों अवंतिका, शालीमारबाग, मॉडल टाउन के अधिकतर मेहंदी व्यवसायी पुलिस के रवैये से परेशान हैं।

दुकानदारों का आरोप है कि पहले खेलों के कारण दुकान नहीं चलने दी, अब पुलिस व स्थानीय दुकानदारों के मनमाने रवैये से काम नहीं चल रहा है।

रोहिणी स्थित अवंतिका मार्केट में इस वर्ष करवा चौथ की खास रौनक नहीं है। पिछले वर्ष करवा चौथ से एक सप्ताह पहले तक सड़क किनारे और फुटपाथ पर मेहंदी कलाकारों का जमावड़ा लगा रहता था, इस वर्ष सन्नाटा छाया है।

पहले कमलानगर और कई वर्षो से अवंतिका मार्केट में मेहंदी लगाने वाले चमन बताते हैं कि तीज, राखी, नवरात्र के बाद करवा चौथ से उनकी आमदनी का सीजन शुरू हो जाता है। इस वर्ष तो अगस्त से ही व्यवसाय ठंडा है।

अवंतिका मार्केट में ही पिछले दो वर्षो से मेहंदी लगवाने वाले राजकुमार ने बताया कि मेहंदी की कला ही हमारे रोजगार का साधन है, लेकिन प्रशासन को इससे कोई लेना देना नहीं। मेहंदी कलाकार विनोद ने बताया कि त्योहार और विवाह का सीजन शुरू होते ही ग्राहकों की मांग बढ़ जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तरप्रदेश, राजस्थान और गुजरात से मेहंदी लगाने वाले बुलाने पड़ते हैं। उत्तरी बाहरी दिल्ली की अधिकतर मार्केटों में एक सौ से अधिक मेहंदी कलाकार हैं।

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