12 सितंबर, 2010

पहलवान सुशील ने रचा इतिहास

बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने एक और शानदार उपलब्धि दर्ज करते हुए विश्व कुश्ती चैंपियनशिप का स्वर्ण अपने नाम किया। यह पहला अवसर है जब भारत ने कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया। दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में भी सुशील से स्वर्ण पदक की उम्मीद लगाई जा रही थी, जो अब और बढ़ गई है। रूस के मॉस्को में हुई इस प्रतियोगिता के रविवार को हुए फाइनल में सुशील ने रूस के गोगाएव एलेन को 2-0 से शिकस्त दी। 66 किग्रा में 32 पहलवानों के वर्ग में उन्हें पहले राउंड में बाई मिली थी और फाइनल में खिताब जीतने तक इस भारतीय ने छह पहलवानों को परास्त किया। यह विश्व कुश्ती चैपिंयनशिप का छठा और अंतिम दिन था, जिसमें भारत ने तीन महिला समेत 10 पहलवानों का दल भेजा था लेकिन स्वर्णिम सफलता केवल सुशील के ही हाथ लगी। हालांकि भारत इससे पहले विश्व चैंपियनशिप में रजत और कांस्य पदक जीत चुका है लेकिन स्वर्ण पदक की सफलता का स्वाद भारत ने पहली बार चखा। ऐसी उपलब्धि पर गुरु महाबली सतपाल बेहद खुश : सुशील के कोच पद्मश्री, द्रोणाचार्य पुरस्कृत महाबली सतपाल ने स्वर्ण पदक पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, मैं बहुत खुश हूं कि राष्ट्रमंडल खेलों से पहले सुशील ने यह उपलब्धि हासिल की। अभी तक मेरा कोई भी शिष्य ऐसा कारनामा नहीं कर सका था। इससे उसे राष्ट्रमंडल खेलों में काफी फायदा मिलेगा।

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