01 मार्च, 2010

हॉकी में भारत ने पाक को 4-1 से रौंदा

अपेक्षाओं का भारी दबाव लिए खेल रही भारतीय हॉकी टीम ने 'मैन ऑफ द मैच' संदीपसिंह के दो गोल की मदद से 12वें विश्व कप के अपने पहले और सबसे अहम मुकाबले में चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर 4-1 से एकतरफा जीत दर्ज करके अपने जबर्दस्त फॉर्म की बानगी पेश करते हुए खुद को सेमीफाइनल में प्रवेश के प्रबल दावेदारों में शामिल कर लिया। इस जीत के साथ ही भारत ग्रुप 'बी' में शीर्ष पर पहुँच गया है।

राजपाल सिंह की अगुआई वाली भारतीय टीम ने जोश, जुनून और तकनीकी कौशल की उम्दा बानगी पेश करते हुए पाकिस्तान को खेल के हर विभाग में उन्नीस साबित कर दिया। मैदान में चारों ओर से आ रही ‘चक दे इंडिया’ की गूँज के बीच भारत के लिए शिवेंद्र सिंह (26वें मिनट) और संदीप सिंह (35वें और 56वें मिनट) और प्रभजोत सिंह (37वें मिनट) ने गोल दागे।

हॉकी प्रेमियों को एशियाई दिग्गजों की इस टक्कर के बेहद रोमांचक रहने की उम्मीद थी लेकिन जीशान अशरफ की अगुआई वाली पाकिस्तानी टीम शुरू ही से दबाव में दिखी। उसके ट्रंपकार्ड माने जा रहे उसके सबसे अनुभवी खिलाड़ी और विश्व रिकॉर्डधारी ड्रैग फ्लिकर सोहेल अब्बास और स्टार स्ट्राइकर रेहान बट्‍ट भी फॉर्म में नहीं थे। दूसरी ओर भारतीय खिलाड़ी पूरे मैदान पर छाए रहे।

पहले ही मिनट से भारतीय टीम ने मैच पर शिकंजा कस लिया था। भारतीय फारवर्ड लाइन ने पाकिस्तानी गोल पर जमकर हमले बोले जबकि डिफेंडरों ने पाकिस्तान के स्ट्राइकरों को रोके रखा। भारतीय टीम ने गेंद पर नियंत्रण और 'मैन टू मैन मार्किंग' में भी पाकिस्तान को बौना साबित कर दिया।

भारतीयों के हर मूव पर मैदान पर मौजूद करीब 15000 दर्शकों ने उनकी हौसलाअफजाई की। शुरुआती मिनटों में दोनों टीमें एक दूसरे का आकलन करने में लगी रही। भारत को 17वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिस पर दिवाकर राम गोल नहीं कर सके। मेजबान को 26वें मिनट में दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन संदीप सिंह इसे तब्दील नहीं कर सके। अनुभवी फारवर्ड शिवेंद्र सिंह ने रिबाउंड शॉट पर गेंद गोल के भीतर डालकर भारत को बढ़त दिला दी।

इसके चार मिनट बाद पाकिस्तान को पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन अब्बास का शॉट गोलपोस्ट के ऊपर से टकराकर निकल गया। इससे मैदान में अच्छी खासी तादाद में जमा पाकिस्तानी समर्थकों को मानों साँप सूँघ गया।

पहले हाफ के आखिरी मिनट में संदीप ने ड्रैग फ्लिक पर गोल करके भारत को 2-0 की बढ़त दिला दी। दूसरे हाफ में भी भारतीय खिलाड़ी शुरू ही से हावी रहे और 37वें मिनट में प्रभजोत सिंह ने एक और गोल करके मैदान में बैठे दर्शकों को लगभग आंदोलित कर दिया। गोल करने के बाद खुशी में झूमते प्रभजोत टीम डगआउट के पास खड़े मुख्य कोच जोस ब्रासा के गले जा लगे।

पाकिस्तान और सोहेल का आज तकदीर ने भी साथ नहीं दिया और 48वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर उनका शॉट एकबार फिर गोलपोस्ट से टकराकर निकल गया। पाकिस्तान को इस बीच दो पेनल्टी कॉर्नर और मिले, लेकिन दोनों बेकार गए। वहीं बकौल ब्रासा भारतीय टीम के ब्रम्हास्त्र संदीप ने 56वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर दूसरा गोल करके भारत की बढ़त 4-0 की कर दी। अब मेजबान की जीत दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ थी।

58वें मिनट में सोहेल ने आखिरकार पाकिस्तान को मिले छठे पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर भारत की बढ़त कुछ कम की लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। खेल के आखिरी दस मिनट बाकी थे और भारतीय डिफेंस चट्टान की तरह अडिग लग रहा था। वहीं भारतीय गोलकीपर पी. श्रीजेश ने भी बेहद मुस्तैदी दिखाई।

सहारा देगा प्रत्येक खिलाड़ी को 2-2 लाख रुपए : हीरो होंडा विश्व कप में पाकिस्तान पर शानदार जीत के साथ अपने अभियान को शुरु करने वाली भारतीय हॉकी टीम को पुरस्कार मिलना शुरु हो गए हैं। सहारा ने भारतीय टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को 2-2 लाख रुपए देने की घोषणा की है।

ओलिम्पिक संघ भी देगा 1-1 लाख रुपए : भारत की जीत से सभी दूर 'चक दे इंडिया' का नारा गूँज रहा है। पाकिस्तान को हराने के बाद भारतीय ओलिम्पिक संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी ने भी टीम के हर खिलाड़ी को 1-1 लाख रुपए का पुरस्कार देने का ऐलान किया है।

होली का रंग जमाया : रविवार के दिन पूरे देश में होलिका दहन की तैयारियाँ पूरे शबाब पर थीं और दूसरी ओर मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में ‍इस समय भारतीय हॉकी स्टार अपना रंग जमा चुके थे और इसी रंग में उन्होंने होली के उत्सव को और अधिक रंगीन बना दिया।

आँकड़ों के आइने में भारत-पाकिस्तान : भारतीय हॉकी का इतिहास स्वर्णिम रहा है और 8 ओलिम्पिक स्वर्ण पदक जीतकर किसी जमाने में पूरी दुनिया पर अपनी धाक जमा चुका है लेकिन बीते बरसों में हॉकी में आई राजनीति की वजह से यह खेल रसातल में जाता चला गया।

11वें विश्वकप में भारत का लचर प्रदर्शन इस बात का गवाह है कि वह 11वें स्थान पर रहा था और यह पहला मौका था, जब वह ओलिम्पिक खेलों के लिए भी पात्रता हासिल नहीं कर सका। विश्व कप में भारत केवल 1975 में ही चैम्पियन बन सका है और यह जीत भी फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ मिली थी, जब असलम शेर खान ने विजयी सूचक गोल दागा था।

दूसरी तरफ विश्व कप के मान से पाकिस्तान का प्रदर्शन काफी उम्दा रहा है और वह चार मर्तबा विश्व कप को चूमने में कामयाब रहा है। भारत और पाकिस्तान की टीमें जब भी मैदान पर रहती है, तब दोनों देशों की अवाम की नजरें मैदान पर सिमट के रह जाती हैं और खेल के जरिये भावनाओं का सैलाब चरम पर पहुँच जाता है।

1986 के बाद यानी 14 सालों के बाद यह पहला प्रसंग आया है जब विश्व कप हॉकी में भारत-पाकिस्तान आमने सामने हैं। ‍बीते एक साल के आँकड़े पर नजर डाली जाए तो इसमें पाकिस्तान का पलड़ा ही भारी रहा है और तीनों ही बार भारत को शिकस्त का सामना करना पड़ा है, लेकिन 12वें विश्व कप में भारत ने पाकिस्तान को अपने घरु दर्शकों के सामने 4-1 से हराकर पिछली तमाम पराजय का बदला ले लिया

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