खिलनमर्ग के तंग ढलानों वाले एक स्की रिसोर्ट में सर्दी के मौसम में युद्ध प्रशिक्षण शिविर स्थापित करने के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आ जाने से एक अधिकारी सहित 15 सैनिकों की सोमवार को मौत हो गई, जबकि 17 गंभीर रूप से घायल हो गए।
हिमस्खलन की चपेट में 60 लोगों का समूह उस समय आ गया जब वे शून्य दृश्यता में बर्फ पर चढ़ाई कर रहे थे और अचानक हिमस्खलन होने के कारण अपने आपको बचाने के लिए कुछ नहीं कर सके।
सेना के प्रवक्ता कर्नल जेएस बरार और पुलिस ने कहा कि 15 लोग टनों वजनी बर्फ में फँस गए हैं, जबकि 17 लोगों को बर्फ से निकालकर श्रीनगर स्थित बेस अस्पताल ले जाया गया है। दो सैनिक लापता हैं लेकिन 26 अन्य को बचा लिया गया है।
उन्होंने कहा कि मृतकों में एक अधिकारी लेफ्टिनेंट प्रतीक और सेना के प्रतिष्ठित हाई अल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल के 14 अन्य सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। कर्नल बरार ने बताया कि यह 60 लोग 350 सैनिकों के उस समूह में शामिल थे, जिन्हें गुलमर्ग स्थित स्कूल द्वारा संचालित शीतकालीन युद्ध पाठ्यक्रम के लिए चुना गया था।
रक्षा सू़त्रों ने बताया कि यह समूह आज सुबह खिलनमर्ग से गुलमर्ग के लिए रवाना हुआ था। सेना और पुलिस के बचाव दल को घटनास्थल पर भेजा गया है। बर्फ हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान (एसएएसई) ने कल शाम को हिमस्खलन की चेतावनी जारी की थी और लोगों को ऊँचाई वाले क्षेत्र में नहीं जाने की सलाह दी थी, जहाँ पिछले तीन दिनों से भारी हिमपात हो रहा है।
एसएएसई के अनुसार ऊँचाई वाले क्षेत्र में हिमस्खलन की चेतावनी अगले 24 घंटे तक जारी रहेगी। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से हिमपात के दौरान बाहर निकलने से बचने को कहा गया है और हिमस्खलन संभावित क्षेत्र में नहीं जाने को चेताया गया है।
हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों में सोनमर्ग, गांगानगीर, भीमबात, द्रास, बटालिक, धूँदी और एसएम हिल्स शामिल हैं। यह भी कहा गया है कि मध्यम दर्जे की हिमस्खलन चेतावनी वाले क्षेत्रों में खिलनमर्ग, उड़ी, बाज, राजदार टॉप, जेड गली, केरन, माचिल, सादना टाप, निरू, उरेज, बारूआब और चौकीबल शामिल है। यह क्षेत्र उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा और बारामुला जिले में आते हैं।
हिमस्खलन के कम खतरे वाले क्षेत्रों में जवाहर सुरंग के दोनों ओर के क्षेत्र और श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे क्षेत्र शामिल हैं।
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