12 जनवरी, 2010

सबसे लंबा कंगन सूर्यग्रहण 15 को

ग्रहण प्रातः 11.35 से 3.11 बजे तक
22 जुलाई-09 को सदी का सबसे बड़ा पूर्ण सूर्यग्रहण था। इसके 7 माह बाद ही 15 जनवरी 2010 को इस सदी का सबसे बड़ा कंगन सूर्यग्रहण होने जा रहा है। इसके बाद इतना लंबा कंगन सूर्यग्रहण 1033 वर्ष बाद यानी 24 दिसंबर 3043 को दिखाई देगा।

ग्रहण की अधिकतम चरम अवधि हिन्द महासागर में 11 मिनट 8 सेकंड की रहेगी। वराहमिहिर वैज्ञानिक धरोहर एवं शोध संस्थान के खगोल विज्ञानी संजय कैथवास ने बताया कि ग्रहण की चरम अवस्था को दक्षिण भारत के कुछ शहरों रामेश्वरम, कन्याकुमारी इत्यादि स्थानों से देखा जा सकता है। इन स्थानों पर ग्रहण का कंगन 10 मिनट तक दिखाई देगा।

मप्र सहित देश के अन्य भागों से ग्रहण का आंशिक नजारा ही दिखाई देगा। ग्रहण 15 जनवरी को प्रातः 11 से दोपहर 3 बजे के मध्य दिखेगा। उज्जैन में ग्रहण की अवधि दोपहर 11.35 से 3.11 तक रहेगी।

सूर्यग्रहण चार प्रकार के होते हैं। पहला पूर्ण सूर्यग्रहण, इसमें डायमंड रिंग बनती है और जमीन पर साँप जैसी लकीरें दौड़ती नजर आती हैं। दूसरा कंगन या वलयाकार सूर्यग्रहण, इसमें ग्रहण के दौरान सूर्य की किनारी चूड़ी अथवा कंगन के रूप में नजर आती है। तीसरा हाईब्रिड सूर्यग्रहण। चंद्रमा पृथ्वी के नजदीक होने से वह सूर्य को पूरी तरह ढँक लेता है, इससे सूर्य का सिर्फ विकिरण ही नजर आता है। चौथा खंडग्रास (आंशिक) सूर्यग्रहण। इसमें चंद्रमा सूर्य के आधे हिस्से से होकर गुजर जाता है।

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