20 दिसंबर, 2009

अमेरिका के पूर्वी तट पर बर्फीला तूफान

अमेरिका के पूर्वी तट पर आए जबरदस्त बर्फीले तूफान से राष्ट्रीय राजधानी बर्फ की मोटी चादर से ढक गई है। वर्ष 1932 के बाद के अब तक सबसे भीषण बर्फीले तूफान की वजह से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

तूफान की वजह से बने हालात के कारण शनिवार को वाशिंगटन में आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई। सड़कों पर बर्फ की मोटी परत की वजह से सैकड़ों वाहन चालक रास्ते में फंस गए है। सड़कों पर जगह-जगह वाहन फंसे है। मेट्रो ने अगली सूचना तक अपनी सभी भूमिगत रेल सेवाएं रोक दी है।

रीगन नेशनल एयरपोर्ट के सभी रनवे सुबह छह बजे से बंद कर दिए गए है तथा वहां तक आने वाली मेट्रो रेल लाइन को भी बर्फबारी की वजह से बंद कर दिया गया है। मेट्रोपोलिटन एयरपोर्ट्स एथॉरिटी ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि टर्मिनल खुला रहेगा। वहीं, कई जगह बिजली गुल हो है तथा क्रिसमस की खरीदारी के इच्छुक लोगों को मन मसोसकर घरों में ही रुकने के लिए विवश होना पड़ा है।

राष्ट्रीय मौसम सेवा ने डीसी क्षेत्र के लिए बर्फीले तूफान की चेतावनी जारी की। रात भर बर्फबारी जारी रहने और कुछ इलाकों में दो फुट से ज्यादा बर्फ जमा होने के आसार व्यक्त किए है।

मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि वाशिंगटन में 15 से 18 फरवरी 2003 के बाद की सबसे भीषण बर्फबारी हो सकती है, जब पूरे क्षेत्र में 16 इंच से ज्यादा बर्फबारी हुई थी। यह 1932 के बाद का भी सबसे भीषण बर्फीला तूफान हो सकता है जब 12 इंच बर्फ गिरी थी।

समाचार चैनल सीएनएन ने खबर दी है कि मध्य-अटलांटिक क्षेत्र और घनी आबादी वाला अंतरराज्यीय 95 गलियारा बर्फीले तूफान की चपेट में है और 10 से 20 इंच बर्फबारी का अनुमान है। तूफान मैक्सिको की खाड़ी में प्रवेश होकर अटलांटिक महासागर पर स्थिर हो गया है।

उधर, टेनेसी और नार्थ कैरोलिना से दक्षिणी न्यू इंग्लैंड राज्यों तक इसका असर है। बाल्टीमोर, फिलाडेल्फिया और न्यूयार्क में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वर्जीनिया में जगह-जगह वाहन रुके हुए है। वाशिंगटन के मेयर एड्रियन एम फेंटी ने कहा है कि यह तूफान कई बरसों में सबसे भीषण है।

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