पत्र में लिखा गया है कि उत्तर प्रदेश के फरार इनामी अपराधी बबलू श्रीवास्तव को यह काम सौंपा गया है और इसमें राज्य शासन शामिल है। उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है कि अगर ऐसा होता है तो हत्या का दोषी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को माना जाए।
पिछले तीन-साढ़े तीन वर्षो से सिवान के जिला कारागार में बंद सिवान के इस डान ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मानवाधिकार आयोग, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और बिहार के राज्यपाल को पत्र लिखकर अपने जान पर खतरे की आशंका जताई है। यह पत्र सिवान कारा अधीक्षक ने पटना के कारा अधीक्षक को आगे की कार्रवाई के लिए अग्रसारित कर दिया है।
पत्र में कहा गया है कि पिछले महीने उत्तर प्रदेश के सीतापुर में गिरफ्तार बबलू श्रीवास्तव ने पूछताछ में बताया है कि फरारी के दौरान वह बिहार के छपरा के एक पूर्व सांसद के घर था। उसने यह भी बताया है कि शहाबुद्दीन की हत्या के लिए कुछ अपराधियों को जेल के अंदर भेज दिया गया है। ऐसे में अगर उनकी हत्या होती है तो इस पत्र को मृत्युपूर्व बयान मानकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दोषी माना जाना चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि उनकी रक्षा के लिए कानूनी कार्रवाई की जाए।